कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को अदालत ने हटाया, सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 2 दिन की दी मोहलत

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की अदालत ने कोर्ट कमिश्नर पद से अजय मिश्रा को हटा दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने बाकी के दो कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिनों की मोहलत दी है. डीजीसी सिविल और महिलाओं की तरफ से दाखिल अर्जियों पर कोर्ट में फिर सुनवाई होगी. अजय मिश्रा पर प्राइवेट कैमरा मैन रखकर सर्वे की रिपोर्ट मीडिया में लीक करने का आरोप है.

बता दें कि अदालत के आदेश के अनुसार 14 से 16 मई के बीच सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य किया गया. 17 मई यानि आज सर्वे से संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश की जानी थी. हालांकि कमिश्नर ने कोर्ट से सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो-तीन दिनों का अतिरिक्त समय मांगा.

इससे पहले, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने सोमवार को दावा किया था कि अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के दौरान मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग पाया गया है. इसके बाद अदालत ने सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया था, जहां कथित तौर पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है.

वहीं ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली कमेटी के एक सदस्य ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था, “मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है.”

इससे पहले 12 मई को वीडियोग्राफी सर्वे कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने संबंधी याचिका अदालत ने खारिज कर दी थी. सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने संबंधी अर्जी नामंजूर कर दिया. साथ ही विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया. अब अदालत ने अजय मिश्रा को जानकारी लीक करने के आरोप में हटा दिया है.

गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी. इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. अदालत ने इसके लिए अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था.

इससे पहले छह मई को अदालत द्वारा जारी आदेश के अनुपालन में मिश्रा की अगुवाई में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वे का काम शुरू किया गया था.मुस्लिम पक्ष ने मिश्रा पर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने संबंधी अर्जी अदालत में दी थी. इसके अलावा उसका यह भी कहना था कि अदालत ने 26 अप्रैल को सर्वे से संबंधित जो आदेश दिया है उसमें मस्जिद के अंदर सर्वे कराने की कोई बात नहीं कही गई थी, लिहाजा मस्जिद के अंदर ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.