संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या कोष की केस स्टडी ने लगाई मोहर आशातीत बेहतर बदलाव के लिए जिला कलक्टर आशीष मोदी की तारीफ
विनय एक्सप्रेस समाचार,जैसलमेर। जैसलमेर जिले में लोक स्वास्थ्य सेवाओं के विकास एवं विस्तार की दिशा में जिला कलक्टर आशीष मोदी के प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक तौर पर सराहा गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) द्वारा हुई केस स्टडी में इस तथ्य को स्वीकार किया है कि भौगोलिक विषमताओं और ढेरों चुनौतियों भरे जैसलमेर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं खासकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से हाल ही हुए प्रयासों से जो उपलब्धियां सामने आयी हैं वे प्रशंसनीय हैं।
*केस स्टडी में स्वीकारा गया – सार्थक गतिविधियों से आया खासा बदलाव*
संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या कोष की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित 12 पृष्ठीय केस स्टड़ी में इसका विस्तार से उल्लेख किया गया है जिसमें कहा गया है कि यूएनएफपीए द्वारा जैसलमेर जिला प्रशासन तथा राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की साझेदारी में जैसलमेर जिले की महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए जो सार्थक गतिविधियां क्रियान्वित की हैं उनके बेहतर परिणाम सामने आए हैं।
*चुनौतियों के बावजूद आशातीत सफलता*
केस स्टडी में कहा गया है कि महिलाओं की स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त चुनौतियों, मानव संसाधन की कमी और कोविड जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण दौर के बावजूद जैसलमेर जिले में जिला कलक्टर आशीष मोदी ने संकल्पबद्ध होकर इन सेवाओं को सुधारने तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए जो कार्य किया है उसी का परिणाम है कि जिले ने इस दिशा में कई ऊँचाइयां हासिल कर सराहना पायी है।
*व्यापक कार्ययोजना से आया बदलाव*
केस स्टडी के अनुसार जिले में गहन विश्लेषण और विशेषज्ञों के मंथन के उपरान्त स्वास्थ्य संस्थाओं की मैपिंग, मानव संसाधन विस्तार, स्वास्थ्य संस्थाओं की पहचान, मातृ एवं नवजात शिशुओं से संबंधित स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का क्षमता अभिवर्धन, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए संसाधनों को जुटाने, सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों एवं कार्यों को प्रोत्साहन, होम डिलेवरी और गुणवत्तायुक्त परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुंच में सुधार तथा इन मुद्दों पर समुदाय की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही तीव्रतर कार्य संपादन की कार्यशैली का विकास और निरन्तर मोनिटरिंग का ही परिणाम रहा कि इतने कम समय में यह सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।
*जिला कलक्टर के समर्पित व संकल्पित प्रयास रंग लाए*
केस स्टडी में कहा गया है कि होम डिलेवरी व बाल विवाह की अधिकता, विषम लिंगानुपात, मानव संसाधन की भारी कमी आदि का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इन विषम हालातों को देखते हुए जिला कलक्टर आशीष मोदी ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी में गहरी दिलचस्पी ली और भ्रमण तथा फीडबेक के आधार पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार तथा बेहतरी पर सर्वाधिक फोकस किया।
*टीम जैसलमेर द्वारा लगातार मोनिटरिंग*
इसके उपरान्त इन सेवाओं के लिए मानव संसाधन और चिकित्सकीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही संस्थागत प्रसवों पर जोर दिया गया और विस्तृत कार्ययोजना बनाकर इस पर अमल किया। टीम जैसलमेर ने समर्पित प्रयास कर बेहतर माहौल स्थापित किया। इसकी समय-समय पर मोनिटरिंग की गई और खुद जिला कलक्टर ने जिले के भ्रमण के दौरान प्रसूताओं के घर पहुंच कर जानकारी ली।
*निष्ठापूर्वक भागीदारी सामने आयी*
केस स्टडी में महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे डॉक्टरों, एएनएम तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाओं पर भी अध्ययन किया गया, जिसमें सामने आया कि इन सभी के सामने बहुत सारी चुनौतियों का अम्बार था लेकिन इन्होंने पूर्ण निष्ठा और लगन से काम करते हुए बदलाव ला दिया। इनके साथ ही लड़कियों एवं महिलाओं की राय भी जानी गई।
*संस्थागत प्रसव की तरफ बढ़ा रुझान*
केस स्टडी के अनुसार जिले में अब संस्थागत प्रसव की तरफ रुझान बढ़ा है। महिलाएं संस्थागत प्रसव का विकल्प चुन रही हैं क्योंकि इसमें मातृ मृत्यु शून्य होने के साथ ही प्रसवपूर्व देखभाल से लेकर प्रसवोत्तर देखभाल की बेहतर व्यवस्था है। इसके साथ ही परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों को अपनाने के प्रति भी सकारात्मक माहौल बना रहा है।
*अब और अधिक काम होगा*
इस केस स्टडी में जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी से आए परिणामों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा गया है कि यूएनएफपीए इस दिशा में शासन-प्रशासन की साझेदारी में और अधिक व्यापक भागीदारी का निर्वाह करेगा।
*जिला कलक्टर ने जताया आभार*
जिला कलक्टर आशीष मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या कोष द्वारा जारी इस केस स्टड़ी को लेकर टीम जैसलमेर को बधाई दी है और कहा है कि इस दिशा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों, डॉक्टरों, एएनएम तथा विभागीय कार्मिकों एवं जिला समन्वयक परमसुख सैनी के समन्वित प्रयासों का ही परिणाम है कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय संस्था के स्तर पर सराहना प्राप्त हुई है।
जिला कलक्टर ने इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को और अधिक तेजी एवं व्यापकता प्रदान करने का आह्वान करते हुए जैसलमेर को इस मायने में आदर्श जिले की पहचान दिलाने पर जोर दिया है और कहा है कि उनका यही प्रयास है कि अपना जैसलमेर हर तरह के विकास एवं प्रगति की दिशा में अग्रणी पहचान बनाए।vinay ex