शिक्षा प्रत्येक बालक का मौलिक अधिकार : विधिक जागरूकता हेतु एक प्रभात फेरी का किया आयोजन

विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा आजादी अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बाल दिवस के अवसर पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश रविन्द्र कुमार के निर्देशन में विधिक जागरूकता हेतु एक प्रभात फेरी का आयोजन किया गया।
प्रभात फेरी को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनील विश्नोई ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। फेरी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हनुमान सहाय जाट, डाइट प्रिसीपल बलबीर तिवारी, खेल अधिकारी राकेश विश्नोई, व्याख्याता बंशीधर, रतनू, ग्रीन पुरोहित सहित अध्यापक विद्यार्थियों के साथ उपस्थित रहे। प्रभात फेरी जिला न्यायालय से प्रारम्भ होकर एयर फोर्स चौराहे से होते हुए गड़ीसर तालाब पर विसर्जित हुई। मार्ग में विद्यार्थियों ने नारे लिखी तख्तियों एवं बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, न्याय सबके लिए आदि नारे लगाकर आमजन में विधिक संदेश प्रसारित किए। रैली के दौरान पूरे मार्ग में विद्यार्थियों द्वारा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराए गए विधिक जारूकता पेम्पलेट्स एवं लीफलेट् बांटे गए। प्रभात फेरी के बाद विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जानकारी देते हुए सचिव ने बताया कि प्रत्येक बालक : बालिका को शिक्षा हेतु स्कूल भेजा जाना चाहिए यह समाज व परिवार का दायित्व है। बालिकाओं को भी बालकों के समान ही अधिकार एवं समान व्यवहार मिलना चाहिए यह बालिकाओं का मौलिक अधिकार है साथ ही शिक्षा प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है। लोक अदालत के बारे जानकारी देते हुए सचिव ने बताया कि यह एक ऐसा माध्यम है जिससे सरल सुलभ व निःशुल्क न्याय मिलता है लोक अदालत मे समझाईश व राजीनामे के जरिए मामले का निस्तारण किया जाता है। 11 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। अधिक से अधिक प्रकरण रखवाकर आम जन को इसका लाभ उठाना चाहिए। इसके साथ ही बाल – विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी दी गई। विषय से सम्बंधित पेम्पलेट व लीफलेट बांटकर आम जन में विधिक जागृति करने का प्रयास किया गया ताकि अधिक से अधिक जनता इसका लाभ उठा सके।