बाल विवाह रोकथाम के लिए हर स्तर पर सतर्कता रखने के निर्देश
विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर। बाल विवाह की रोकथाम के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों के साथ ही हलवाई कैटरिंग, टेन्ट हाउस, प्रिटिंग प्रेस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ अतिरिक्त जिला कलक्टर हरिसिंह मीना की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। उन्होंने कहा कि जैसलमेर को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सभी की सामुहिक जिम्मेदारी हैं। उन्होंने अक्षय तृतीया के पर्व पर सम्भावित होने वाले बाल विवाह की रोकथाम के लिए अधिकारियों को हर स्तर पर चौकस रहने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने अक्षय तृतीया एवं पीपला पूर्णिमा पर बाल विवाह की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक फील्ड स्टाफ को पूर्ण चौकसी एवं सतर्कता बरतने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए। उन्होंने बाल विवाह रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश दिए, साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-200़6 की पालना सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत बाल विवाह सम्पन्न करवाने वाले पण्डित, काजी, हलवाई-कैटर ,टेन्ट व्यवसायी तथा बाल विवाह को प्रोत्साहन करने वाले संरक्षक, अभिभावक, माता -पिता, कोई भी व्यक्ति, संगठन उसमें उपस्थित रहने वाले बाराती किसी भी रूप में सहयोग करने वाले रिश्तेदारों को 2 वर्ष का कठोर कारावास , एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है, इसके बारें में लोगों को अवगत कराएं।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है एवं इस कुरीति को जिले में मुक्ति दिलाने के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होने बताया कि 3 मई अक्षय तृतीया व 16 मई पीपला पूर्णिमा के अबूझ सावो पर जिले में बाल विवाह होने की संभावना को देखते हुए सम्पूर्ण जिले मे जन जागरूकता अभियान चलाया जावे एवं ग्राम सेवक, आंगवाडी कार्यकर्ता, पटवारी, अध्यापक उनके क्षेत्र में किसी प्रकार के बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होती है तो वे इसकी सूचना बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी तहसीलदार , उपखण्ड अधिकारी ,पुलिस ,विधिक सेवा प्राधिकरण , बाल कल्याण समिति, व चाईल्ड हेल्पलाईन को दे।
उन्होंने बताया कि आई.पी.सी. की धारा 166 में प्रावधान है बाल विवाह की सूचना मिलने पर समय पर कार्यवाही न करने वाले संबंधित अधिकारी एवं पुलिस के विरूद्व कार्यवाही की जा सकती है। बाल विवाह अधिनियम के तहत बाल विवाह शून्यकरनीय कराये जाने के लिए ऐसे बालिग होने के 2 वर्ष की अवधि के भीतर शून्य घोषित कराया जा सकता है।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को जिले में कहीं पर भी बाल विवाह होने की जानकारी हो तो इसकी सूचना चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 पर देवें एवं इसके साथ ही जिला प्रशासन के कन्ट्रोल रूम के फोन नम्बर 02992-250082 पर भी देवे ताकि समय रहते आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जा सके। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा।
बैठक में उप पुलिस अधीक्षक प्रियंका कुमावत, आर.के. बेरवा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, सुभाष विष्नोई उप निदेशक आई.सी.डी.एस., अशोक कुमार गोयल सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग, उम्मेदसिंह, मुकेश कुमार व्यास सदस्य बाल कल्याण समिति, मनोज कुमार चौधरी श्रम कल्याण अधिकारी , जितेन्द्रसिंह सांदू विकास अधिकारी पंचायत समिति जैसलमेर ,नाथुसिंह तंवर अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी शिक्षा विभाग ,रामगोपाल बेनिवाल समन्वयक चाईल्ड हेल्प लाईन आदि बैठक में उपस्थित थे।