राजस्व अधिकारियों को क्षेत्र की हर घटना के प्रति चौकस रहने के दिए निर्देश
विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर। अतिरिक्त जिला कलक्टर हरिसिंह मीना ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व न्यायालयों में बकाया प्रकरणों का समय पर निस्तारण करने के साथ ही बकाया राजस्व वसूली भी प्राथमिकता से करे। उन्होंने बजट घोषणाओं के तहत सरकारी संस्थाओं को भूमि का आवंटन शीघ्र ही कराने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर मीना ने शुक्रवार को जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में आयोजित राजस्व एवं उपनिवेशन अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में युआईटी सचिव सुनिता चौधरी, उपायुक्त उपनिवेशन जब्बर सिंह चारण, उपखण्ड अधिकारी जैसलमेर दौलतराम चौधरी, फतेहगढ़ दिनेश विश्नोई, पोकरण राजेश विश्नोई के साथ ही अन्य राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
धारा-91 में प्रभावी करे कार्यवाही
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे धारा-91 के लम्बित प्रकरणों में समय पर कार्यवाही करे। उन्होंने ऐसे मामलों में राजस्व अधिकारियों को गम्भीरता रखने पर जोर दिया एवं कहा कि जो भी व्यक्ति सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करता है तो उनके खिलाफ समय पर आवश्यक कार्यवाही अमल में लावें।
सीमाज्ञान एवं नामांतकरण के मामले निस्तारित करे
उन्होंने सीमाज्ञान एवं नामांतकरण के लम्बित प्रकरणों को भी शीघ्र ही निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिवाय चक भूमि जो आवंटन योग्य है, उसको सूचीबद्ध कराने के साथ ही रोडा एक्ट में वसूली की कार्यवाही समय पर कराने के निर्देश दिए।
इन मामलों में प्राथमिकता से करें कार्यवाही
उन्होंने पीएलपीसी में दर्ज प्रकरणों का भी समय पर निस्तारण कराने के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय, आयोग, लोकायुक्त आदि से प्राप्त प्रकरणों में भी गम्भीरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में हर घटना के प्रति चौकस रहे एवं समय पर निरोधात्मक कार्यवाही अमल में लावे।
बाल विवाह रोकथाम के प्रति सतर्क रहे
उन्होंने अक्षय तृतीया एवं पीपला पूर्णिमा पर सम्भावित बाल विवाह को ध्यान में रखते हुए राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने पटवारियों को पाबंद करे कि किसी भी सूरत में बाल विवाह नहीं होने दे एवं जहां पर भी बाल विवाह होने की सूचना हो तो तत्काल ही जिला एवं पुलिस प्रशासन को अवगत कराएं ताकि समय रहते ऐसे बाल विवाहों को रोका जा सके।
उपखण्ड अधिकारियों ने बैठक के दौरान अपने-अपने क्षेत्र के राजस्व मामलांे के साथ ही अन्य मामलों की प्रगति से अवगत कराया।