राजस्व प्रकरणों का समय पर करें निस्तारण – जिला कलक्टर ने अनुसूचित जाति, जनजाति की भूमि पर अतिक्रमणों को तत्परता से हटाने के दिए निर्देश
विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर| जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व न्यायालयों में नियमित सुनवाई कर निर्धारित नोर्मस के अनुसार राजस्व प्रकरणों का प्राथमिकता से निस्तारण करे। उन्होंने तहसीलदारों को निर्देश दिए कि राजकीय सिवायचक भूमि पर अतिक्रमण के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही मौके पर सुनिष्चित करें तथा ऐसे प्रकरण जिनमें पश्चातवर्ती अतिक्रमण पाया जाता है तो उसमें पूर्ण प्रक्रिया के साथ प्रभावी कार्यवाही सुनिष्चित करावें।
जिला कलक्टर डॉ. सिंह ने शनिवार को जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में आयोजित राजस्व एवं उपनिवेशन अधिकारियों की बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम, उपायुक्त उपनिवेशन जब्बर सिंह चारण, उपखण्ड अधिकारी फतेहगढ़ दिनेश विश्नोई, भणियाणा ओमप्रकाश, तहसीलदार जैसलमेर महेन्द्र खत्री, फतेहगढ़ मादाराम पटेल, सम हरिराम विश्नोई, भणियाणा शैतान सिंह, पोकरण बंटी राजपूत सहित नायब तहसीलदार भी उपस्थित थे।
अनुसूचित जाति, जनजाति की भूमि पर अतिक्रमणों को तत्परता से हटाएं
जिला कलक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्थान काष्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 183 बी के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति व्यक्तियों की कृषि भूमि का अन्य व्यक्तियों के द्वारा जबरदस्ती कब्जा होने के प्रकरणों के संबंध में पटवारियों के माध्यम से सर्वे करावें तथा ऐसे प्रकरणों में प्रभावी कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करे। उन्होंने धारा 183 बी के प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जावे ताकि आमजन को इसकी पूर्ण जानकारी हो सके।
राजस्व वसूली करें प्राथमिकता से
जिला कलक्टर ने राजस्व अधिकारियों को नामान्तकरण के मामलों को समय सीमा के अन्तर्गत निस्तारण करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को बकाया व चालू राजस्व वसूली भी लक्ष्य के अनुरूप करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वसूली के जिन प्रकरणों में न्यायालयों का स्थगन है, उनके सम्बन्ध में राजस्व अधिकारी समय पर पैरवी करवाकर उन स्थगनों को वेकेट करवाने की कार्यवाही करावें।
भूमि आवंटन के मामलों में तहसीलदार स्वयं देखे मौका
उन्होंने विभिन्न प्रकार के भूमि आंवटन एवं संपरविर्तन प्रकरणों के संबंध में तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वे ऐसे प्रकरणों में स्वंय मौका निरीक्षण कर रिपोर्ट पेष करें तथा पूर्व में आंवटित अथवा संपरिवर्तन के ऐसे प्रकरण जिनका विहित समयावधि में उपयोग सुनिष्चित नहीं किया गया है ऐसे प्रकरणों में जॉच कर आवष्यक कार्यवाही प्रस्तावित करावे।
आमजन की प्राथमिकता से सुने समस्याएं
जिला कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उपखण्ड क्षेत्र में अपने स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित कर उपखण्ड स्तर की समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण करावे। साथ ही ग्राम पंचायत स्तरीय एवं उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रमों को भी और अधिक प्रभावी बनाकर अधिक से अधिक लोगों की समस्याएं जनसुनवाई के दौरान निपटाने की कार्यवाही करे।
शिविरों का प्रभावी करें निरीक्षण
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जहां पर भी स्वीकृत पशु शिविर या चारा डिपों चालू नहीं हुए है, उनकों भी अतिशीघ्र चालू करावें ताकि लोगों को राज्य सरकार द्वारा पशुधन संरक्षण के लिए दी जा रही सहायता का लाभ मिले। उन्होंने शिविरों में छाया-पानी की उचित व्यवस्था के साथ ही समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
उपखण्ड क्षेत्र की हर घटना के प्रति रहे चौकस
जिला कलक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र की हर घटना के प्रति चौकस रहें एवं किसी भी घटना के घटित होने पर तत्काल मौके पर पहुंचकर निरोधात्मक कार्यवाही करावें एवं अपने अधीनस्थ स्टाफ को भी इसके प्रति सजग रखें, साथ ही क्षेत्र की समस्या के सम्बन्ध में प्रभावी सूचना तंत्र विकसित करें ताकि क्षेत्र की घटना का सर्वप्रथम राजस्व एजेन्सी के माध्यम से सूचना मिले।
अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम ने बैठक में एजेण्डेवार विषयों को रखा एवं राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व मामलों के निस्तारण में पूरी गम्भीरता बरतें।