जैसलमेर – जिला कलक्टर आशीष मोदी ने जारी किए आदेश, ग्राम पंचायत स्तर पर बनेंगे कोविड केयर सेंटर

होम आइसोलेट के प्रावधानों का उल्लंघन होने के मद्देनज़र लिया गया यह निर्णय,

ग्राम निगरानी समितियों को और अधिक सक्रिय बनाने पर जोर,

 

विनय एक्सप्रेस समाचार,जैसलमेर। बिना किसी लक्षणों या हल्के लक्षणों वाले संक्रमित मरीजों द्वारा होम आइसोलेशन में रहकर निर्धारित प्रोटोकाल की पालना नहीं करने की शिकायतों के मद्देनज़र ऐसे लोगों के लिए अब गांवों में सरकारी संस्थाओं में कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए जिला कलक्टर आशीष मोदी ने विस्तृत दिशा-निर्देशों के भरे आदेश जारी किए हैं।

जिला कलक्टर द्वारा आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के दूसरे दौर में जैसलमेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी काफी संक्रमित व्यक्ति पाए जा रहे हंै। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चिकित्सकीय अनुसंधान संस्थानों के मतानुसार कोविड-19 के उचित प्रबन्धन हेतु कोविड के ऐसे मरीज जिनमें संक्रमण का स्तर कम है, को होम आईसोलेट किए जाने की व्यवस्था की गई है।

इसी के अनुरूप जिले में ऐसे हल्के लक्षण/बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीजों (पोजिटीव पेशेंट्स) को परिवार के अन्य सदस्यों से पृथक रहते हुए होम आइसोलेशन में रहने का चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है परन्तु कतिपय ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों और अन्य प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा यह अवगत कराया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में होम आईसोलेट किए गए लोगों द्वारा अच्छे तरीके से कोविड प्रोटोकाल की पालना नहीं की जा रही है।

इस स्थिति को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि इन लोगों को सरकारी संस्थाओं में बनाए गए कोविड केयर सेंटर्स में रखा जाए।

10 से 30 बैड्स के होंगे ये कोविड केयर सेंटर

जिला कलक्टर मोदी द्वारा जारी आदेशानुसार अधिकारियों से कहा गया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर (जहां संभव नहीं है, वहां 2 या 3 ग्राम पंचायतों द्वारा समूह में) कोविड केयर सेन्टर स्थापित किए जाएं जिसमें जनसंख्या अनुसार 10 से 30 बैड्स की व्यवस्था की जाए। यथासम्भव ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध राजकीय विद्यालय अथवा अन्य जन उपयोगी भवन का इस कार्य के लिये उपयोग किया जाना सुनिश्चित करें।

जिला कलक्टर मोदी ने निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायत द्वारा इन भवनों में बेहतरीन साफ-सफाई, बैड्स और पानी इत्यादि की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं ग्राम पंचायत द्वारा 24 घंटे सातों दिन एक अटेन्डेन्ट/गार्ड एवं एक सहायक की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके साथ ही राज्य सरकार के 3 अप्रे्रल 2020 को जारी आदेश के अनुसार बनाई गई ग्राम स्तरीय निगरानी समिति द्वारा कोविड अनुकूल व्यवहार की पालनार्थ समस्त व्यवस्था कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

जिला कलक्टर ने इस कार्य के लिए प्रभावी पर्यवेक्षण, प्रबन्धन तथा रिपोर्टिंग के लिए प्रभारी अधिकारी लगाये हैं। इसके अनुसार इस व्यवस्था के लिए जिला स्तर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जैसलमेर प्रभारी अधिकारी होंगे एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जैसलमेर सह प्रभारी रहेंगे।

इसी प्रकार जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किसी भी मेडिकल इमरजेन्सी की स्थिति में अविलम्ब चिकित्सकीय परामर्श/सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। ब्लाॅक स्तर पर संबंधित विकास अधिकारी एवं ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कोविड केयर सेन्टर  की सुचारु व्यवस्था किए जाने, प्रभावी पर्यवेक्षण एवं रिपोर्टिग हेतु ब्लाॅक स्तरीय प्रभारी अधिकारी होंगे एवं इनके द्वारा नामित एक सहायक विकास अधिकारी सह प्रभारी अधिकारी होंगे।

इसी प्रकार ग्राम पंचायत पर कोविड केयर सेन्टर बनाए जाने, सुचारु रूप से संचालित किए जाने, साफ-सफाई की व्यवस्था सुदृढ़ रखने एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिये संबंधित ग्राम पंचायत के राजकीय विद्यालय का प्राचार्य प्रभारी अधिकारी (प्राचार्य नहीं होने की स्थिति में प्राचार्य का प्रभार वहन करने वाले वरिष्ठ शिक्षक) तथा ग्राम विकास अधिकारी सह प्रभारी अधिकारी हांेगे।

पुलिस का भी रहेगा सहयोग

आदेश के अनुसार आवश्यकतानुसार प्रभारी अधिकारी पुलिस बीट का सहयोग भी प्राप्त कर सकेंगे, राज्य सरकार के निर्देशानुसार बनाई गई ग्राम स्तरीय निगरानी समिति के द्वारा कोविड केयर सेन्टर्स में नियमित रूप से प्रतिदिन निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार चिकित्सा/संचालन संबंधी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। संबंधित थानाधिकारी, बीट काॅस्टेबिल के माध्यम से प्रतिदिन कोविड केयर सेन्टर का निरीक्षण एवं कोविड आइसोलेशन की पालना करवाई जाएगी तथा ग्राम स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों यथा सरपंच, वार्ड पंच, पंचायत एवं जिला परिषद सदस्य इत्यादि का इस व्यवस्था के सुचारू संचालन एवं कोविड-19 के प्रभावी प्रबन्धन तथा कोविड-19 की चैन को तोड़ने में प्रभावी कार्यवाही किए जाने हेतु सहयोग लिया जाना अपेक्षित होगा।

इस व्यवस्था के गंभीरता से प्रभावी माॅनिटरिंग व संचालन को लेकर इंसीडेन्ट कमाण्डर (उपखण्ड अधिकारी), ब्लाॅक स्तरीय प्रभारी अधिकारियों के साथ नियमित पर्यवेक्षण की सुनिश्चितता करेंगे।