विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा आयोजित श्री जसवंत प्रदर्शनी मेले का आगाज मंगलवार को जिला कलक्टर आलोक रंजन के मुख्य आतिथ्य में मंत्रोच्चार के साथ वैदिक रीति-रिवाज, ध्वजारोहण एवं फीता काटकर किया।
इस अवसर पर जिला कलक्टर रंजन ने कहा कि श्री जसवंत प्रदर्शनी मेला भरतपुर रियासत की सांस्कृतिक, परम्परागत एवं ऐतिहासिक धरोहर है, इस मेले का आयोजन लगभग 103 वर्ष से निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की यह मंशा है कि इस मेले को और अधिक समृद्ध कर उत्कृष्ट स्तर तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि भरतपुर राजपरिवार द्वारा 1919 में हिन्दी भाषा को राजभाषा के रूप में घोषित किया तथा उसी समय हिन्दी साहित्य समिति की स्थापना भी की गयी। उन्होंने कहा कि मेले में प्राचीन परम्परा को निर्वहन करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन कोविड के कारण 2 वर्षों से मेले का आयोजन नहीं हो सका। इस वर्ष भी लंपी स्किन डिजीज संक्रमण के चलते इस मेले के आयोजन पर राज्य सरकार द्वारा रोक होने के कारण पशुपालन विभाग द्वारा अनुमति नहीं दी गयी लेकिन लोगों की भावनाओं एवं रोजगार में ध्यान में रखते हुए नगर निगम द्वारा मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान सभी ऐतिहात बरते जायेंगे।
मेयर अभिजीत कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि इस बार मेले का आयोजन नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। मेयर अभिजीत ने जिला कलेक्टर का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आपने अपने प्रयासों से राज्य सरकार से मेले की अनुमति लेकर आमजन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जो सार्थक कार्य किया है यह वास्तव में तारीफ के योग्य हैं। उन्होंने अस्थाई सफाई कर्मियांे के विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं पहला मेयर हूं, जिसने मुख्यमंत्री की वर्चअल मीटिंग में सफाई कर्मियों की आवाज उठाई। और आगे भी उठाता रहूंगा। निगम स्तर पर महिला कर्मचारियांे को उनके इलाकों में तैनाती व कर्मचारियों को एडवान्स वेतन की सुविधा की मांग पूर्ण की जा चुकी है और वेतन बढ़ोतरी की मांग राज्य सरकार के स्तर पर पूर्ण कराने हेतू प्रस्ताव बनाकर भेजा जायेगा, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि हम सब मिलकर शहर को स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़े।
मेला अधिकारी व आयुक्त नगर निगम कमल राम मीना ने बताया कि महाराज किशन सिंह ने अपने पिता महाराजा श्री जसवंत सिंह की स्मृति में इस आयोजन की शुरूआत की थी, हम सब को खुशी है कि आज तक हम मेले का आयोजन कर रहे है और आगे भी निर्देशानुसार करते रहेगें। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण दो साल तक मेले का आयोजन नहीं किया जा सका, हमने साल 2019 की दरों पर ही दुकानों का आवंटन किया है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 37 लाख की राजस्व आय हुई है। इसी आय से मेला परिसर में हो रहे सभी खर्चे सम्पादित किये जा रहे हैं।
समारोह में झंडारोहण कर राष्ट्रगान का आयोजन किया गया। समारोह में आये हुए अतिथिगणों के स्वागत के लिए राजकीय एसबीके गर्ल्स स्कूल की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। छात्राओं की गायन प्रस्तुति को सभी ने सराहना की।
इन विभागों ने लगाई प्रदर्शनी
कृषि विभाग, उद्यान विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, पर्यटन विभाग, पशुपालन विभाग, नगर निगम, नगर सुधार न्यास,वन मंडल, आयुर्वेद विकास, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आदि ने आमजन के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की प्रर्दशनी लगाई।
उद्घाटन समारोह में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. नागेश चौधरी ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर एडीएम प्रशासन सुरेश कुमार यादव, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक गजेन्द्र सिंह चाहर, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह कुंतल, एडीपीसी अनित कुमार शर्मा, सीबीईओ सेवर दलवीर सिंह, पीएचईडी के सहायक अभियंता मनोज पाराशर, कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मपाल सिंह, डीएसओ सुभाष गोयल, आरसीएचओ डॉ. अमर सिंह, पार्षद सतीश सोगरवाल, दाउदयाल शर्मा, राकेश पठानिया, रामेश्वर सैनी, समन्दर सिंह, हेमेन्द्र बाबी, रामवीर सीटू, मनोज सिंह, हरभान सिंह, सुंदर सिंह, सचिन अग्रवाल, रमेश पाठक, मुकेश सिंह पप्पू, नरेन्द्र चौधरी, हरिकिशन सेन, विजय सिंह भारती, महेश सिंह, चुन्नी कप्तान, दामोदर गर्ग, सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्य अतिथि जला कलक्टर व अन्य जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रर्दशनी व झांकियों का अवलोकन किया।