राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत, 13 फरवरी तक चलेगा जागरुकता अभियान
विनय एक्सप्रेस समाचार,झुंझुनूं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जिले में राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। 13 फरवरी तक चलने वाले कुष्ठ जागरुकता पखवाड़े के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई एवं जिले में प्रचार-प्रसार के लिए कुष्ठ प्रचार रथ को सीएमएचओ डॉ डांगी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी ने बताया कि आमजन कुष्ठ रोग के बारे में पूरी जागरुकता बरतें और कुष्ठ रोग की जांच आवश्यक रूप से करवाएं एवं कुष्ठ रोगियों की हर प्रकार से सहायता करें। कुष्ठ रोग एक मामूली बीमारी है, जो एक जीवाणु (लेप्रा बेसिली) से होता है, यह कोई छुआछूत या आनुवंशिक रोग नहीं है। इसकी जांच एवं ईलाज सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है। कुष्ठ रोग की शुरूआत में पहचान एवं जांच करवाते हुए पूर्ण इलाज लिया जाए, तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है एवं शारीरिक विकलांगता से बचा जा सकता है। इसका इलाज कुछ मामलों में छह माह एवं कुछ मामलों में 12 माह का हो सकता है।
उन्होंने बताया कि चमड़ी पर चमड़ी के रंग से फीका, एक या एक से अधिक दाग या धब्बे, जिसमें सुन्नपन, सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो, तो कुष्ठ रोग हो सकता है। शरीर पर, चेहरे पर, भौंहो के ऊपर, कानों के ऊपर सूजन-गठान, दाने या तेलीय चमक दिखाई पड़े, तो कुष्ठ रोग हो सकता है। हाथ पैर में सुन्नता, सूखापन एवं कमजोरी होने पर भी कुष्ठ की जांच करवाएं। उन्होंने जिलेवासियों से आह्वान किया कि अगर स्वयं को या पड़ोस के किसी व्यक्ति को इस तरह के दाग धब्बे हों तो आशा/आंगनबाड़ी/स्वास्थ्य कार्यकर्ता/डॉक्टर से सम्पर्क कर उसकी जांच करवाएं। यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ रोग से पीडि़त है, तो उसके साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करें एवं जहां तक हो सके उसकी हर प्रकार से सहायता करें। उन्होंने बताया कि जागरुकता रथ जिले में आमजन को जागरुक करेगा। साथ ही, पखवाड़े के दौरान ग्राम स्तर तक सभा आयोजित कर कुष्ठ रोग दी जायेगी। इसके साथ कार्यक्रम के विस्तार से जानकारी देने के लिए चिकित्सा विभाग के फेसबुक, इंस्ट्राग्राम व ट्विटर पेज ‘IEC Jhunjhunu’ पर कुष्ठ रोग से संंबधित संदेश प्रसारित किए जाएंगे।