जिला कलेक्टर श्री इंद्रजीत सिंह ने समस्त विभागों के लिखा पत्र: हर रविवार को 30 मिनट्स तक कार्यालयो व घरों में होगी विशेष सफाई

विनय एक्सप्रेस समाचार,जोधपुर। प्रदेश के बारिश के मौसम के बाद वाली मौसमी बीमारियों (डेंगू,मलेरिया व चिकनगुनिया)जैसी मच्छर जनित बीमारियों की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए समय पर इनकी रोकथाम व नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग जोधपुर की ओर से एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर जिला कलेक्टर श्री इंद्रजीत सिंह ने एक आदेश जारी कर जिले के समस्त केंद्र सरकार व राज्य सरकार के जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जुलाई माह से “प्रत्येक रविवार-डेंगू पर वार“ विशेष अभियान को सफल बनाने के लिए सहभागिता निभाये। उन्होंने बताया बताया कि इसके तहत मौसमी बीमारियों की रोकथाम व नियंत्रण गतिविधियों के साथ ही मच्छरों के प्रजनन स्थल को समाप्त करने हेतु सोर्स रिडक्शन की महत्वपूर्ण गतिविधिया संपादित करने के लिए जन समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिला कलेक्टर ने समस्त विभाग प्रमुखों से आग्रह करते हुए कहा कि वह अपने अधीनस्थ समस्त राजकीय स्टाफ एवं संबंधित निजी कार्यालय राजकीय व निजी शिक्षण संस्थान में प्रत्येक शुक्रवार को यह शपथ दिलाई जाए कि प्रत्येक रविवार को वह प्रातः 8ः00 से 8ः30 तक 30 मिनट्स अपने-अपने घरों में रखे पुराने टायर, मटके, कबाड़, कूलर व फ्रिज को ट्रे इत्यादि की सफाई करेंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि एडिस मच्छर का लार्वा साफ पानी के छोटे-छोटे पात्र में पनपता है। अगर प्रत्येक घर में इन पात्रों को साप्ताहिक रूप से साफ कर दिया जाए तो मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम की जा सकती है। डॉ. मंडा ने बताया कि इस विशेष अभियान को गतिशील करने के लिए इसी माह से “हर रविवार 30 मिनट मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया पर वार“ अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक रविवार को प्रातः 8ः00 से 8ः30 तक घर का प्रत्येक सदस्य घर में रखे हुए गमले, गमले की ट्रे, परिंदे, कूलर, फ्रिज की ट्रे, पानी की टंकी इत्यादि को खाली कर अच्छी तरह साफ़ सुखाकर पुणे उपयोग करने से उनमें पनपे मच्छर के अंडे व लार्वा को नष्ट किया जा सकता है।
यह है डेंगू मच्छर की पहचान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ प्रीतम सिंह सांखला ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशन में चलाए जाने वाले इस विशेष अभियान के तहत आप अपनी भागीदारी निभाते हुए जिले को मौसमी बीमारियों के नियंत्रण एवं रोकथाम करने में अपनी भागीदारी निभाएं। साथ ही उन्होंने बताया कि एडीज मच्छर की पहचान निम्न प्रकार से कर सकते है।
ऽ डेंगू कारक मच्छर एडीज एजिप्टी की पहचान यह होती है कि उसके षरीर पर टाइगर जैसी धारिया बनी रहती है।
ऽ यह मच्छर साफ पानी में पैदा होता है, और यह अधिकतर दिन में ही काटता है।
ऽ अण्डे से मच्छर बनने में 5-7 दिन का समय लगता है और ये मच्छर प्राय घरों मे ही निवास करते है।
ऽ साफ पानी में दिखने वाले लट्टे/कीड़े ही लार्वा होते है।
ये है डेंगू के लक्षण
तेज सिरदर्द, अचानक तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेषियों में खिंचाव व दर्द, स्वाद का पता नहीं चलना, चक्कर आना, जी घबराना के साथ ही उल्टी आना आदि लक्षण दिखने पर तुरन्त चिकित्सक से सलाह लेकर उचित उपचार करावें।
ऐसे करे बचाव
ऽ कूलर में भरे पानी को सप्ताह में एक बार साफ करे।
ऽ घर के आसपास इकट्ठे हुए पानी को साफ करे।
ऽ पुरानी टंकियों, बाल्टियों व बरतनों में अधिक समय तक पानी भरकर न रखे।
ऽ पूरी बांहे के कपडे पहने।
ऽ अपने आसपास फैले पानी में एन्टी लार्वा एक्टिविटी कराये।
ऽ सप्ताह में एक दिन ड्राई डे के रूप में मनाये।
ऽ मच्छरदानी का प्रयोग करे।
ऽ जमा पानी में एन्टी लार्वल गतिविधिया करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करे।
ऽ सर्दी-जुकाम होते ही अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में उपचार ले।