विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता एवं समुचित वृद्धि-विकास के लिये डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा संचालित स्वर्णप्राशन कार्यक्रम रविवार, 8 मई को जोधपुर शहर के पांच केन्द्रों पर होगा। इनमें आयुष ओ.पी.डी. में, विश्वविद्यालय आयुर्वेद चिकित्सालय, करवड़, सैटेलाईट आयुर्वेद चिकित्सालय, मगरा पूंजला और गोद-ग्राम घड़ाव के राजकीय विद्यालय शामिल हैं।
कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र होने के कारण के शनिश्चर थान में इस बार स्वर्ण प्राशन कैम्प का आयोजन नहीं होगा। विश्वविद्यालय ने आमजनता से अपील की है कि सभी अभिभावक एवं स्वर्ण प्राशन दवा पीने वाले बच्चे मास्क लगाकर ही स्वर्ण प्राशन केन्द्रों में आयें तथा सोशियल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
बाल विकास में प्रभावी है स्वर्ण प्राशन
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने बताया कि आम जनता में बच्चों के सर्वांगीण स्वास्थ्य में स्वर्णप्राशन के लाभ और महत्त्व के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये यह कार्यक्रम हो रहा है। उन्होंने बताया कि शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के घट जाने से बच्चों में प्रायःः संक्रमणजनित रोग हो जाने से उनकी शारीरिक-मानसिक-बौद्धिक वृद्धि एवं विकास अवरुद्ध हो जाता है तथा बच्चे एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भर हो जाते हैं। अनेक रोगों में एंटीबायोटिक दवाएं भी निष्प्रभावी हो जाने से स्थिति जटिल हो जाती है, ऐसी परिस्थिति में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाना आवश्यक हो जाता है और इसके लिये आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित स्वर्णप्राशन सर्वथा उपयुक्त एवं प्रभावी उपाय है।
प्रो. कुमार ने बताया कि प्रतिमाह पुष्य नक्षत्र के दिन विश्वविद्यालय के बाल रोग विभागान्तर्गत करवड़ स्थित चिकित्सालय सहित पाँचों केन्द्रों पर सैकड़ों की संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को नियमित रूप से स्वर्णप्राशन ड्रॉप्स पिलाने के लिये आ रहे हैं।
अगली स्वर्ण प्राशन खुराक 4 जून को
स्वर्ण प्राशन की अगली खुराक आगामी पुष्य नक्षत्र 4 जून, शनिवार को इन्हीं पांचों स्थानां पर बच्चों को पिलाई जायेगी।
सतर्क रहने की अपील
कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने आम जनता से अपील की है कि विश्वविद्यालय के नाम से कुछ अनधिकृत लोग कुछ स्थानों पर संदिग्ध गुणवत्ता एवं व्यापारिक हित के लिये स्वर्णप्राशन दवा पिला रहे हैं जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।