मुख्यमंत्री बजट घोषणा में कई महत्वाकांक्षी खेल परियोजनाएं हुई मंजूर

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मुख्यमंत्री की पहल से सँवारेगा खिलाड़ियों का भविष्य

विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर| खेल संसाधनों एवं सुविधाओं के व्यापक विकास एवं विस्तार तथा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ ही राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखाने के अवसरों में बढ़ोतरी की दिशा में जोधपुर नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है। यह सब संभव हो सका है मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा जिले में खेल विकास को लेकर  स्वीकृत नवीन येाजनाओं की बदौलत।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जोधपुर के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 के अन्तर्गत कई महत्वाकांक्षी खेल परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनसे खेल क्षेत्र में जोधपुर नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा तथा यहां की खेल प्रतिभाएं राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित हो सकेंगी।
जिला खेल अधिकारी शरद टाक ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि जोधपुर में 20 करोड की लागत से आवासीय पैरा खेल अकादमी की स्थापना की जायेगी। जोधपुर में शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय का विकास एवं उन्नयन के लिए तथा खेल विभाग के अंतर्गत राजस्थान स्टेट स्पोर्ट्स इंस्टीटयूट की स्थापना की जाएगी इसके लिए 15 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि जोधपुर में 10 करोड़ की लागत से राजस्थान हाई परफोर्मेन्स स्पोर्ट्स ट्रेनिंग द रिहेबिटेशन सेन्टर की स्थापना की जाएगी।
इसी प्रकार शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में रेजिडेंशियल स्पोर्ट्स स्कूल बनाया जायेगा। जिसमें खिलाड़ियों को आवास, शिक्षा व खेल प्रशिक्षण की सुविधाए निःशुल्क उपलब्ध होगी। जिसके लिए अनुमानित व्यय राशि 7 करोड़ है।
उन्होंने बताया कि आवासीय खेल विद्यालय खोलने की स्वीकृति खेल विभाग द्वारा जारी की गई है जिसमें 200 विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों के लिए आवासीय सुविधाएं सुलभ होंगी। यह सभी परियोजनाएं राजकीय शारीरिक शिक्षक महाविद्यालय जोधपुर में स्थापित की जायेगी।  जिसके लिए वायुसेना मुख्यालय से स्वीकृति चाही गई थी।
वायु सेना मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त
जिला कलेक्टर श्री हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार के सतत् प्रयासों व प्रशासनिक अधिकारियों के निरंतर प्रयत्नों के फलस्वरूप लगभग 1 महीने की अवधि के भीतर ही वायु सेना मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। उन्होंने बताया कि वायुसेना से अनापत्ति प्राप्त होने से इन सभी परियोजनाओं के कार्य अब शीघ्र ही आरंभ हो सकेंगे।