विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। साहित्यिक पत्र बखत के चौथे अंक के विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्य अकादमी सम्मान प्राप्त डॉ. मंगत बादल ने कहा कि साक्षात्कार रचनाकार की प्रज्ञा का दर्शन है जो उसकी आन्तरिक चेतना को मुखर करता है। बादल ने कहा कि बखत जैसे साहित्यिक पत्र इस वक्त की जरुरत है क्योंकि इस समय अधिकांश साहित्यिक पत्र पत्रिकाएं बंद हो रही है ।
’’मनुष्य के मानस को समझने के लिये उसके काल की अवधारणा को समझना आवश्यक है.., राजस्थान की सनातन संस्कृति की अवधारणा को धारण किये हुए है जो समय सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है.., कलयुग के बाद प्रलय नहीं बल्कि सतयुग आता है… ’’ यह उद्गार डॉ. सावित्री मदन डागा साहित्य भवन में शनिवार को आयोजित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सत्यनाराण द्वारा सम्पादित साहित्यिक पत्र बखत के चतुर्थ अंक के लोकर्पण के अवसर पर डॉ. अर्जुनदेव चारण ने व्यक्त किये, बखत का यह अंक डॉ. चारण के कृतित्व और व्यक्तित्व पर एकाग्र है।
बीकानेर से आये हरीश बी. शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि डॉ. चारण के रंगकर्म पर लिये गये साक्षात्कार से परिचय करवाया। पत्र के सम्पादक वरिष्ठ सृजनधर्मी डॉ. सत्यनारायण ने सवाई सिंह शेखावत के सहयोग से प्रकाशित अंक और आगामी योजना का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम संयोजक माधव राठौड़ ने बखत पर बात करते हुए 1985 से प्रारम्भ इस पत्र की यात्रा के बारे में बताया कि पहला अंक जोधपुर के राजेन्द्र बोहरा फिर कृष्ण कल्पित और विनोद पदरज पर अंक प्रकाशित हो चुके हैं ।इसी कड़ी में लम्बे अन्तराल के बाद चौथा अंक रंगनिर्देशक, चिन्तक, आलोचक व कवि डॉ. अर्जुनदेव चारण पर एकाग्र किया गया।
इस अवसर पर प्रभात, श्यामसुन्दर भारती, मीठेश निर्मोही, डॉ. कौशलनाथ उपाध्याय, डॉ. फतेहसिंह भाटी, कालूराम परिहार, डॉ. सुमन बिस्सा, डॉ. पद्मजा शर्मा, दिनेश सिन्दल, कप्तान बोरावड़, दशरथ सोलंकी, वीणा चूंडावत, सुनीता गोदारा, दीपा परिहार, आशा पाराशर, शिवानी पुरोहित,शालिनी गोयल, पुखराज आर्य, डॉ. के. एल. रेगर, कैलाश कौशल, पूजा राजपुरोहित, सन्तोष चौधरी, जयपुर के प्रभात, बृजेश अम्बर, प्रमोद वैष्णव, पुखराज आर्य, अशफाक फौजदार सहित जोधपुर के साहित्य, शिक्षा व रंगमंच से जुड़े गणमान्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार एवं रंगकर्मी कमलेश तिवारी ने किया तथा डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित ने आभार व्यक्त किया।