दिव्यांग बच्चों की सेवा मानवता की सेवा में सर्वोपरि – जिला कलक्टर
विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। विश्व दिव्यांग दिवस शनिवार को नेत्रहीन विकास संस्थान के प्रांगण में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान द्वारा दिव्यांगों के उत्थान में हरसंभव सहभागिता संदेश संवहित करने के लिए जागरूकता रैली भी निकाली गई। समारोह जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के मुख्य आतिथ्य एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अनिल की अध्यक्षता में हुआ।
इस दौरान् नेत्रहीन बच्चों द्वारा गणेश वन्दना, स्वागत गीत, नृत्य, कालबेलिया नृत्य और मूकबधिर बच्चों द्वारा रंगारंग नृत्य प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में विशेष योग्यजनों की सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।
सराहनीय हैं संस्थान के प्रयास
समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर श्री हिमांशु गुप्ता ने संस्थान अध्यक्षा के समर्पित प्रयासों तथा दिव्यांग बच्चों की सेवा के लिए किए जा रहे व्यापक प्रयासों का जिक्र करते हुए सराहना की और कहा कि मानवता की सेवा में यह उपलब्धियां एवं प्रयास अनुकरणीय हैं।
भविष्य निखार में बेहतर सेवा कार्य
अध्यक्षीय उद्बोधन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अनिल व्यास ने संस्थान द्वारा संचालित गतिविधियों को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि नेत्रहीन एवं मूक बधिर बच्चों को जीवन संवारने के लिए बेहतर कार्य संपादित किए जा रहे हैं।
राज्य स्तर पर सम्मानितों दी गई बधाई
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में जयपुर में राज्य स्तर पर संस्थान के कर्मचारी गणपतलाल जोशी एवं संस्थान के दिव्यांग विद्यार्थी धर्माराम देवासी को प्रशस्ति पत्र एवं 11000 रुपये पुरस्कार राशि के साथ सम्मानित किया गया, यह संस्थान के लिए गौरव की बात है। इस हेतु संस्थान अध्यक्षा ने दोनों के प्रति बधाई अभिव्यक्त की।
प्रारम्भ में संस्थान अध्यक्षा श्रीमती सुशीला बोहरा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए संस्थान का परिचय दिया। अतिथियों का पुष्पहारों, साफा, शॉल एवं प्रतीक चिह्न द्वारा स्वागत किया गया।
उत्कृष्ट सेवा का उल्लेखनीय सफर
संस्थान अध्यक्षा श्रीमती बोहरा के अनुसार 15 अगस्त 1977 से 2 बच्चों से प्रारम्भ यह विद्यालय आज नेत्रहीनों, मूकबधिर एवं मानसिक विमंदित विद्यार्थियों के लिए राजस्थान का सबसे बड़ा आवासीय विद्यालय बन गया है। यहाँ उनके लिए निःशुल्क शिक्षण एवं प्रशिक्षण व्यवस्था उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा राजस्थान का एक मात्र नियमित विशेष बी. एड. (वी. आई) तथा डिप्लोमा (वी. आई. तथा एच. आई.) के संचालित किये जा रहे हैं। इनमें नेत्रहीन व मूकबधिर बच्चों के शिक्षकों का प्रशिक्षण होता है। इसके अलावा फलोदी में दिव्यांग (दृष्टिबाधित) तथा पाली के सिरीयारी में भी दिव्यांग (मूकबधिर) विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही इसी सत्र में संस्थान द्वारा राजस्थान का प्रथम नेत्रहीन महाविद्यालय के रूप में श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महावि़द्यालय का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है।
अन्त में संस्थान के उपाध्यक्ष श्री किशनलाल जी गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।