विनय एक्सप्रेस समाचार, चूरू। राजकीय लोहिया महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग में विश्व जल संरक्षण दिवस पर मंगलवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ शेर मोहम्मद की अध्यक्षता में हुुई इस सेमिनार में विभाग सदस्यों डॉ प्रशांत शर्मा, मुकेश मीणा एवं आशीष शर्मा के अलावा स्नातकोत्तर पूर्वार्ध एवं उत्तरार्ध के विद्यार्थियों ने भाग लिया। डॉ शेर मोहम्मद ने इस अवसर पर जल के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि जल ही जीवन है। जल के बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाएगा। पूरे विश्व में 70 प्रतिशत भाग पर जल पाया जाता है लेकिन पीने योग्य पानी कितना है, यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जो थीम इस वर्ष के लिए दी गई है, वह है – भूजल के बारे में, जो अदृश्य पानी है उसको दृश्य वान बनाना, कि किस तरह से जो भूजल है हमारा उसकी हम पहचान करें और किस प्रकार काम लाने योग्य बना सकते हैं। डॉ मोहम्मद ने बताया कि अगर जल रहेगा तभी हम लोग इस दुनिया में जीवित रह पाएंगे अन्यथा जैसा कि कहा जा रहा है तीसरा विश्वयुद्ध भी पानी के लिए ही होगा। विभाग सदस्य मुकेश मीणा ने जल संरक्षण विषय पर प्रकाश डाला और जल के संरक्षण की अलग-अलग विधियां उन्होंने बताई । उतराद्र्ध की छात्रा प्रिया सोनी ने बताया कि पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग जल से घिरा है, किंतु पीने योग्य जल की मात्रा केवल 2 प्रतिशत है। छात्रा मुस्कान स्वामी ने बताया कि वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या के कारण जल स्रोत कम होते जा रहे हैं जिसके कारण जल की मात्रा में निरंतर कमी होती जा रही है, जल स्तर घटता जा रहा है । छात्रा प्रतिभा पारीक ने वर्षा के जल को संरक्षण करने के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल से ही राजस्थान में परंपरागत स्रोतों जैसे कुएं, बावड़ी, टांके, तालाब आदि के द्वारा जल को संरक्षित किया जाता रहा है और वर्तमान में भी वर्षा के पानी को जमा करने के साधनों से जल संरक्षित किया जा सकता है। अधिकाधिक वृक्षारोपण करके भूजल स्तर को बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए। सेमिनार में सौरव शर्मा ने जल संरक्षण दिवस की भूमिका पर बताया। अन्नपूर्णा ने कविता के माध्यम से जल के महत्व को समझाया। टीना, पिंकी, जितेंद्र सिंह, रामदयाल, सोमवीर जांगिड़, फिरदोस, नीतू, प्रियंका, गुंजन, हेमलता और जितेंद्र कुमार ने भी अलग-अलग जल के आयामों पर अपना सेमिनार दिया। इस सेमिनार में उतराद्र्ध और पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थियों के अलावा बीएससी पार्ट प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया। विभाग सदस्यों डॉ प्रशांत शर्मा और आशीष शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किए।