विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक कुरुप ने राजस्थान मरुधर ग्रामीण बैंक द्वारा भैरुण्दा में आयोजित क्रेडिट कैंप में भाग लिया जिसमें 31 स्वयं सहायता समूहों को 1.85 करोड़ रुपये ऋण के रूप में वितरित किए गए। सीजीएम ने उल्लेख किया कि नाबार्ड ने देश में एसएचजी ( स्वयं सहायता समूह) आंदोलन को गति देने में एक मौलिक भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया की वर्तमान में नाबार्ड अपनी परियोजनाओं के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के बीच उद्यम के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि स्वयं सहायता समूह की महिलाओ को आर्थिक गतिविधियों से सीधे जोड़ा जा सके। इस अवसर पर एकल जन सेवा संस्थान व नाबार्ड के सहयोग से सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम के तहत भैरून्दा में महिलाओं की आजीविका संवर्धन के लिए नाबार्ड के महाप्रबंधक बेज्जू ऐन कुरूप के कर-कमलो से एक्सपोर्ट स्टिचिंग यूनिट का शुभारंभ किया गया। गौरतलब है कि इस यूनिट के लिए राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के द्वारा JLG ग्रुप बनाकर 2 लाख 70 हजार का लॉन देकर महिलाओ को रोजगार के लिए प्रेरित किया गया था । नाबार्ड के डीजीएम कैलाश पाहवा ने महिलाओं को लगातार रोजगार से जुड़ने के लिए प्रेरित किया । भैरूण्दा पंचायत के प्रधान जसवंत सिंह राठौड़ ने बताया कि ये नागोर में महिलाओं के द्वारा किया जाने वाला पहला कार्य है।
बी कुरूप ने नाबार्ड द्वारा पोषित कौशल विकास कार्यक्रम के प्रतिभागितयो को जॉब ऑफर लेटर व टूलकिट का वितरण भी किया साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ग्रामीण युवाओं के बीच कौशल विकास और उन्हें लाभकारी रोजगार से जोड़ना समय की जरूरत है और ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरत को पूरा करने के लिए नाबार्ड ने नैबस्किल कार्यक्रम शुरू किया है। इस दौरान नाबार्ड के डीडीएम मोहित चौधरी, नाबार्ड के डीजीएम कैलाश पावा ने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के लाभों से अवगत कराया और उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी। साथ ही नाबार्ड के सीजीएम द्वारा जायल के रोहिना में सेनेटरी पैड उत्पादन यूनिट का उद्घाटन किया गया और बताया कि महिलाओ के स्वास्थय को केंद्र में रखते हुए कम लागत वाले सेनेटरी पैड पर नाबार्ड समर्थित LEDP कार्यक्रम ने अपनी प्रदर्शन इकाई स्थापित की है जो महिलाओ की आय में वृद्धि का एक नया साधन भी बनेगा । उन्होंने बताया कि यूनिट का लक्ष्य उत्पादन, पैकेजिंग और मार्केटिंग के जरिए 90 महिलाओं को रोजगार देना है।
इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक ने मेड़ता एग्रो फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के किसानों से मुलाकात की और कहा की किसान की भूमि जोत घट रही है और खेती कम लाभकारी होती जा रही है और इसका समाधान समेकित कृषि प्रणालियों को अपनाना है तथा किसान उत्पादक संगठन के साथ जुड़कर अपनी लागत को कम करना है।
इस अवसर पर राजस्थान मरुधर बैंक के रीजनल मैनेजर अनिल अग्रवाल तथा बैंक साथी भी मौजूद रहे।