प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया गया आयोजित

गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच एवं उपचार

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने एवं प्रत्येक गर्भवती महिला को गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच सुविधा उपलब्ध कराने के उद्धेश्य से 9 जून, गुरूवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजित किया गया। इस दिन विशेषकर गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकों व स्त्रीरोग विशेषज्ञों की देखरेख में प्रसवपूर्व स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श की निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई गई।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर जिले की विभिन्न सीएचसी, पीएचसी पर जाकर गर्भवती महिलाओं को सेवाएं उपलब्ध करवाई गईं। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित पंडित जेएलएन अस्पताल व डीडवाना के राजकीय जिला अस्पताल सहित कुचामन, मकराना, लाडनूं तथा परबतसर के उप जिला अस्पताल सहित जिले के समस्त राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व अरबन पीएचसी मे अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच की गई।
उन्होंने बताया कि सम्पोषणीय विकास लक्ष्यों के अंतर्गत मातृ मृत्युदर में कमी लाने के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक गर्भवती महिला की प्रसवपूर्व व प्रसव पश्चात् विशेष देखभाल की जाये।

’ये सुविधाएं कराई गईं उपलब्ध’
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत रक्तचाप, शर्करा के स्तर, वजन, हीमोग्लोबिन परीक्षण, रक्त परीक्षण, एचआईबी जांच, एचआईवी जांच, हृदय स्पंदन की जांच और स्क्रीनिंग सहित चिकित्सा केन्द्रों पर कई परीक्षणों सहित आवश्यक औषधियों की निशुल्क सेवाएं उपलब्ध करायी गईं।

यह है अभियान का उद्देश्य
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुश्ताक अहमद ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्वस्थ जीवन प्रदान करना है। इसके साथ ही मातृत्व मृत्यु दर को कम करना, गर्भवती महिलाओं को रोगों, उपचार एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है जिससे बच्चे के स्वस्थ्य जीवन के साथ ही सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित किया जा सके। जिससे जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य में आने वाले जोखिम को पूर्व में पहचान कर स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जा सके। साथ ही अभियान के दिन गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं, उपचार, सावधानियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा सके। अभियान में कुपोषण से पीडित महिलाओं में रोग का जल्दी पता लगाने, पर्याप्त और उचित प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जाता है।