विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। कलक्ट्रेट परिसर स्थित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र से बुधवार को जन्म मृत्यु एवं विवाह पंजीयन की त्रैमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन अतिरिक्त मुख्य रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु पंजीयन एवं जिला कलक्टर पीयुष समारिया की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें जिला कलक्टर समारिया ने जिले में माह मई 2022 तक की जन्म मृत्यु एवं विवाह पंजीयन की घटनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद तुरन्त जारी किया जाएं। साथ ही प्रार्थी के आने व नाम लिखवाने का इंतजार नही करते हुए जन्म मृत्यु अधिनियम के अनुसार बिना नाम का भी प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रार्थी एक सामान्य प्रार्थना पत्र अथवा स्वयं पहचान ऐप से या ई-मित्र पर जाकर पहचान पोर्टल से नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकता है। जिला कलक्टर नेे सहायक निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण की सेवाओं को अब लोक सेवा गांरटी के दायरे में लाये जाने के कारण निश्चित समयावधि में प्रमाण पत्र जारी करवाया जाना सुनिश्चित करें। अपने स्तर या अधिनस्थ रजिस्ट्रार कार्यालयों में किसी प्रकार के प्रकरण लंबित नही रहें।
इस दौरान आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक एवं जिला रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु श्रवणलाल रैगर ने बताया कि जिले में नाम जोड़ने के आवेदनो का 68 प्रतिशत निस्तारण हुआ, जबकि ऐसे आवेदनो का तत्काल निस्तारण किया जाना है। उन्होने बताया कि जन्म मृत्यु की घटनाओं के शत प्रतिशत पंजीयन हेतु सभी चिकित्सालयों में प्रसूता को डिस्चार्ज के समय अनिवार्य रूप से जन्म प्रमाण पत्र देने की अनिवार्यता की जाएं तो इसमें देरी की संभावना कम हो सकती है। उन्होने बताया कि अब जन्म मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्र के लिए आमजन स्वयं अपने मोबाईल से या ई-मित्र पर जाकर या रजिस्ट्रार कार्यालय में व्यक्तिशः उपस्थित होकर आवेदन कर सकता है।
बैठक में जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया, महिला एवं बाल विकास विभाग उपनिदेशक सिकरामाराम चोयल, शिक्षा विभाग के मोहनराम, सूचना प्रौद्योगिकी के संयुक्त निदेशक कुम्भाराम रेलावत, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी धीरज कुमार दवे, सहायक श्रम आयुक्त भवानी प्रताप चारण एवं सांख्यिकी विभाग के संजय कुमार सोनी एवं देवेन्द्र ने भाग लिया। वहीं ब्लॉक स्तर पर सभी नगर निकायों के आयुक्त/ अधिशाषी अधिकारी, विकास अधिकारी एवं ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी शामिल हुए।