विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जन्मजात बीमारियों से ग्रस्ति बच्चों के जीवन में नया सवेरा लेकर आया है। ऐसे ही उम्मीद की किरण आकाश के जीवन में भी जगी।
नागौर जिले की रियांबड़ी तहसील के गांव कालेटड़ा गांव के किसान घनश्याम के आठ माह के पुत्र आकाश के जन्म से ही कटे होंठ की बीमारी से ग्रसित था, जिससे उसे खाने-पीने में तकलीफ होती थी। गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इसकी जानकारी रियांबड़ी की आरबीएसके टीम के डाॅ. हनुमान डुकिया को इसकी जानकारी दी और चिकित्सकीय टीम ने इसकी हैल्थ स्क्रीनिंग कर उपचार के लिए उच्च चिकित्सा संस्थान में रैफर कर दिया।
आरबीएसके काॅर्डिनेटर डाॅ. शुभकरण धोलिया ने बताया कि आठ माह के इस नन्हें-मुन्ने आकाश के कटे होंठ का ऑपरेशन जयपुर के अभिषेक हाॅस्पिटल में कैशलेस किया गया। अब वह बिल्कुल ठीक है। अब आकाश का चेहरा अच्छा दिखने लगा है और उसे खाने-पीने में भी कोई तकलीफ नहीं होती।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया ने बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम के तहत जिले में 22 टीमें 18 वर्ष की आयु वर्ग तक के बच्चों की स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, मदरसा में हैल्थ स्क्रीनिंग कर रही है, जिन्में जन्मजात बीमारियों के कैशलेस आॅपरेशन भी करवाए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के जिला स्तरीय माॅनिटरिंग जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मुश्ताक अहमद कर रहे हैं।
डाॅ. महिया ने बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम के तहत नागौर जिले में अब तक 85 बच्चों व किशोर-किशोरियों के कटे होंठ और तालू के कैशलेस आॅपरेशन करवाया जाकर उन्हें इस तकलीफ से निजात दिलाई जा चुकी है।