विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिले के मेड़ता निवासी सुनील टाक के घर में सात साल पहले किलकारी गूंजी, नन्हीं-मुन्नी बिटिया ने जन्म लिया। बिटिया का नाम रखा काव्या। नवजात से शिशुकाल तक आते जब काव्या कदम तेजी से रखने लगी तो उसकी सांसें फूलने लगी। सर्दी-जुकाम होने की स्थिति में भी सांस लेने में तकलीफ होने लगती। सुनील ने अपनी बिटिया को राजकीय अस्पताल में बताया और प्रारम्भिक उपचार लेता रहा।
फिर एक दिन जुलाई 2022 में मेड़ता के आरबीएसके दल में डॉ. नमोनारायण व उनकी टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग की और काव्या की विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जांच के लिए उसे रैफर कर दिया। काव्या की जांचें हुई तो पाया कि उसे जन्मजात दिल में छेद की बीमारी है। सुनील ने डॉ. नमोनारायण को जानकारी दी तो उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में उनका रजिस्ट्रेशन है तो उनकी काव्या का कैशलेस उपचार हो जाएगा। यही हुआ, नन्हीं-मुन्नी काव्या की 25 अगस्त 2022 को जोधपुर के मेडिपल्स हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों हार्ट सर्जरी की गई।
कई दिन निगरानी में रखने के बाद अब काव्या को अस्तपाल से छुट्टी दे गई है। जन्मजात दिल में छेद की बीमारी से निजात पाने के बाद अब काव्या के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। उसके माता-पिता भी अपनी बिटिया के कैशलेस उपचार पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते नहीं थकते। जिला आरबीएसके कॉर्डिनेटर डॉ. शुभकरण धोलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अब तक नागौर जिले में 45 बच्चों की कैशलेस हार्ट सर्जरी हो चुकी है।
वंचित परिवार योजना में पंजीयन जरूर करवाएं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश वर्मा ने आमजन से अपील की है कि जिले में प्रत्येक परिवार मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अपना पंजीयन जरूर करवाएं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी इस जन स्वास्थ्य कल्याणकारी योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। डॉ.वर्मा ने बताया कि नागौर जिले में 39 सरकारी एवं 31 निजी अस्पतालों में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कैशलेस उपचार मुहैया करवाया जा रहा है।
ऐसे करवाएं पंजीयन
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के डीपीसी सुनील भादू ने बताया कि उक्त जन स्वास्थ्य कल्याणकारी योजना में एनएफएसए कार्डधारी एवं आर्थिक, सामाजिक एवं जाति आधारित जनगणना-2011 के पात्र परिवार, कोविड अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले परिवार, लघु एवं सीमान्त कृषक व प्रदेश में विभिन्न विभागों के संविदा कार्मिको का रजिस्ट्रेशन निशुल्क किए जाने का प्रावधान है।
वहीं उक्त कैटेगरी के अलावा प्रदेश के अन्य परिवार 850 रूपए प्रति वर्ष का भुगतान कर योजना से जुड़ सकते हैं। वहीं सेवारत राजकीय कार्मिक अथवा पेंशनर्स इस योजना में पात्र नहीं है, उनके लिए पृथक योजना राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना(आर.जी.एच.एस) संचालित है।
जनआधार कार्ड जरूरी, दस लाख तक का बीमा कवर
जिला आईईसी समन्वयक हेमन्त उज्जवल ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रदेश के सभी पात्र परिवारों के लिए लागू है। योजना का लाभ लेने के लिए जनआधार कार्ड अथवा जनआधार पंजीयन संख्या होना आवश्यक है। इस योजना में बीमा कवर प्रति वर्ष प्रति परिवार दस लाख रूपए तक है, जिसमें से बीमा मोड पर पांच लाख रूपए तथा ट्रस्ट मोड पर (बीमा मोड में पांच लाख रूपए तक कवरेज समाप्त होने की स्थिति में ) अतिरिक्त पांच लाख रूपए का प्रावधान है।