विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंगलवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में पीसीपीएनडीटी अधिनियम पर जिला स्तरीय कार्यषाला आयोजित की गई। यह कार्यषाला विषेष रूप से एएनएम व आषा सहयोगिनियों के लिए आयोजित की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. महेश वर्मा के मार्गदर्षन में आयोजित हुई इस एक दिवसीय कार्यषाला में चिकित्सा स्वं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, एएनएम व आषा सहयोगिनियों के बीच बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ एनीमिया मुक्त राजस्थान विषय पर बात हुई। कार्यषाला की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. शीशराम चौधरी ने समाज में बेटी के महत्व पर प्रकाष डालते हुए उसकी गर्भ में रक्षा करने तथा जन्म लेने के बाद उसे षिक्षित बनाने पर पूर्ण कर्तव्यबद्धता के साथ काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि देष में नव विकसित समाज की स्थापना तभी होगी, जब हमारी बेटियां सुरक्षित और षिक्षित होंगी। एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव सोनी ने कहा कि बेटी दो घरों का भविष्य का संवारती है। बेटियों का सुरक्षित, षिक्षित और आगे बढ़ना अत्यंत जरूरी है, यह तभी संभव होगा, जब हम सब मिलकर काम करेंगे। जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक सत्येन्द्र पालीवाल ने गर्भ में लिंग परीक्षण रोक अधिनियम तथा कन्या भ्रूण हत्या रोधी कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बेटियों के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं के बारे में भी बताया। एवीडेंस एक्शन के रीजनल काॅर्डिनेटर मालसिंह चारण ने एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत नागौर जिले की रिपोर्ट पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और हमारी बेटियों का एनीमिया मुक्त रहना अत्यंत जरूरी है। स्वस्थ बालिकाएं षिक्षा सहित अपने सभी कार्य आसानी से कर सकेंगी।
कार्यषाला में जिला आईईसी समन्वयक हेमन्त उज्जवल, आषा सहयोगिनी संघ की अध्यक्ष किशन कंवर, काउंसलर सुरेन्द्र गौड़, नंदकिशोर पुरोहित आदि ने भी विचार व्यक्त किए।