कार खरीददार को एचएसआरपी नंबर नहीं देना पड़ा मारूति सुजुकी डीलर को भारी : उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने लगाया 20 हजार का जुर्माना

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। एक कार खरीदार को एचएसआरपी नंबर नहीं देना मारूति सुजुकी के एक डीलर को भारी पड़ गया। मामला जैसे ही उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में पहुंचा तो डीलर ने तुरंत न्यायालय में नंबर प्लेट पेश कर दी मगर उससे पहले वह कार के खरीदार के बार बार आग्रह करने पर भी संतोषप्रद जवाब तक नहीं दे रहा था। ऐसे में परिवादी कार खरीदार खुद की कार होते ही नंबर प्लेट के अभाव में किराये के कार लेकर सफर कर रहा था। न्यायालय ने माना कि भले ही अब मारूति सुजुकी डीलर ने एचएसआरपी नंबर प्लेट कोर्ट में पेश कर दी हो मगर इससे परिवादी को मानसिक वेदना हुई और परिवाद पेश करने का शुल्क भी लगा। ऐसे में न्यायालय ने इस परिवाद के तीन अप्रार्थीगणें को संयुक्त आदेश दिया कि वे परिवादी को 20 हजार रुपए का जुर्माना अदा करें।

यह था मामला
नागौर जिले के कुचेरा निवासी अवि जैन ने 17 अगस्त 2020 को नागौर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष एक परिवाद पेश कर बताया कि उसने एक कार न्यू बलेनो डेल्टा को अहमदाबाद स्थित डीलर मैसर्स कटारिया ऑटो मोबाइल से 5 अक्टूबर 2019 को खरीदी थी। उसका तमाम भुगतान भी कर दिया मगर कटारिया ऑटो मोबाइल ने उसे एचएसआरपी नंबर नहीं दिये। परिवहन विभाग में कार का पंजीयन कराया तो वहां एचएसआरपी नंबर मांगे गये। इससे कार की आरसी जारी नहीं हो पाई। परिवाद में बताया गया कि केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2019 से ही एचएसआरपी नंबर अनिवार्य कर दी थी उसने कार 5 अक्टूबर 2019 को खरीदी थी। इसके अभाव में नई कार की आरसी उसके नाम जारी नहीं हो पाई। ऐसे में परिवादी अवि जैन अहमदाबाद भी जाकर आया मगर उसे केवल आश्वासन ही मिलता रहा। कई बार आग्रह करने के बाद भी कटारिया ऑटोमोबाइल ने उसे एचएसआरपी नंबर प्लेट प्रदान नहीं की। ऐसे में कार मालिक को निजी कार्य से बाहर जाना होता तो उसे मजबूरी में किराये की कार लेकर जाना पड़ रहा है। इस पर परिवादी ने आयोग में परिवाद पेश किया तथा बताया कि उसे घोर मानसिक पीडा हुई है और उपहास का पात्र भी बनना पडा है।

इसलिए आयोग ने माना सेवा में कमी का दोषी, लगाया जुर्माना

परिवाद पंजीबद्ध होते ही न्यायालय ने मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड अहमदाबाद, मैसर्स कटारिया ऑटो मोबाइल अहमदाबाद तथा मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली को नोटिस भेजे। इस पर अप्रार्थी नंबर 2 मैसर्स कटारिया ऑटो मोबाइल अहमदाबाद का एक प्रतिनिधि आयोग के समक्ष 25 मार्च 2021 को पेश हुआ और परिवादी के कार की एचएसआरपी नंबर प्लेट कोर्ट में पेश कर दी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नागौर के अध्यक्ष नरसिंहदास व्यास, सदस्य बलवीर खुड़खडिया व चन्द्रकला व्यास ने माना कि इससे परिवादी को बडी परेशानी हुई और मानसिक वेदना झेलनी पड़ी। ऐसे में न्यायालय ने तीनों अप्रार्थीगणों को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए आदेश दिया कि वे परिवादी को मानसिक वेदना के 10 हजार और परिवाद शुल्क पेटे 10 हजार यानि कुल 20 हजार रुपए तुरंत अदा करें। अप्रार्थीगण चाहे तो ये जुर्माना राशि पृथक पृथक या संयुक्त रूप से भी अदा कर सकते हैं। न्यायालय ने आदेश में लिखा कि ये राशि अप्रार्थीगण परिवादी को एक माह के भीतर देवें अन्यथा परिवादी आयोग के मार्फत भी वसूली कर सकता है।