जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में टीम नागौर करेगी अभियान का संचालन जनप्रनिधियों, गणमान्य नागरिकों, युवा मंडलों व स्वयंसेवी संस्थाओं का लेंगे सहयोग गांवों में जागरूकता टीमें गठित कर चलाया जाएगा अभियान
विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। कोरोना के नए स्ट्रेन के संक्रमण की रोकथाम को लेकर मिशन अगेंस्ट कोरोना इन नागौर में टीम नागौर आॅपरेशन ‘प्राणवायु‘ के बाद अब एक और नई मुहिम शुरू करने जा रही है। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी की पहल पर जिले में अब ‘मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी‘ नामक अभियान संचालित किया जाएगा, जिसके तहत गांवों में कोरोना के संक्रमण की चैन तोड़ने पर सहित कोविड-19 हैल्थ केयर मैनेजमेंट सिस्टम पर कई काम होंगे।
जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशानुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जवाहर चैधरी और उनकी टीम ने अभियान मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया, जिसे धरातलीय स्तर पर अमलीजामा पहनाने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उक्त अभियान के सफल संचालन को लेकर पूरी गाइडलाइन व आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित उपखण्ड अधिकारियों, विकास अधिकारियों, खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों को जारी कर दिए है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जवाहर चैधरी ने बताया कि ोविड-19 के संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में “मेरा गाँव मेरी जिम्मेदारी‘‘ अभियान दिनांक 17.05.2021 से प्रारम्भ किया जाना है। उक्त अभियान में प्रत्येक गाँव, ढ़ाणी में पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों (जिला परिषद्/पंचायत समिति सदस्य/ सरपंच/वार्ड पंच), गणमान्य नागरिकों, स्वयं सेवी सस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, युवक-मण्डलों इत्यादि के सक्रिय सहयोग से टीमें बनाकर अपने-अपने गाँव की स्वैच्छा से जिम्मेदारी ली जावे कि अपने गाँव में कोविड-19 के संक्रमण की चैन तोडेंगे।
अभियान के तहत आम लोगो की समस्या के समाधान हेतु जिला स्तर पर जिला कलक्टर कार्यालय नागौर में कोरोना वार रूम स्थापित है जिसके दूरभाष नम्बर 01582- 241057 एवं ई-मेल आई.डी. बवतवदंूंततववउ1/हउंपसण्बवउ है। जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय नागौर में वार रूम स्थापित है जिसके नोडल अधिकारी उपखण्ड अधिकारी नागौर है। वार रूम के दूरभाष नम्बर 01582-242985 एवं ई-मेल आई.डी. रसदबवअपकूंततववउ/हउंपसण्बवउ है।
सामुदायिक जागरूकता पर रहेगा विशेष जोर, ग्रामीणों को प्रोनिंग पाॅजिशन सिखाएंगे युवा दल
अभियान मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु जागरूकता के लिए सभी ग्राम पंचायतों, गांवों, ढाणियों में लाउड स्पीकर, ढोल बजाकर (ठल ठमंज जीम क्तनउ), पेम्पलेट वितरण करके एवं पोस्टर चिपकाकर जन जागरूकता तथा लाॅकडाउन की पालना करवाने का प्रयास किया जाएगा, जिसमें जिसमें स्वच्छाग्राहियों की सेवाओं का पूर्ण उपयोग किया जावे। साथ ही आमजन को प्रोनिंग पोजीशन के प्रति जागरूकता के लिए पोस्टर चस्पा करने, पेम्पलेट वितरित करने एवं सोशियल मीडिया के माध्यम से गाँवों में ‘‘युवा जागरूकता दल‘‘ बनाकर सामुदायिक जागरूकता को दूरदराज गाँव ढाणियों तक पहँुचाया जावे। वहीं कोरोना वायरस (ब्वअपक.19) संक्रमण की प्रारम्भिक अवस्था मंे ही संक्रमित व हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान कर मेडिकल किट उपलब्ध करवाने एवं समुचित उपचार के लिए डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है, इस बारे में भी आमजन को जागरूकता किया जाएगा, ताकि कोई वंचित नहीं रहे
टीका है मजबूत कवच, जरूर करवाएं वैक्सीनेशन
राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु 18 से 44 वर्ष तक के व्यक्तियों एवं 45 से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। वैक्सीनेशन सेन्टर पर समय पर टीकाकरण हेतु ग्राम स्तरीय कोर ग्रुप/निगरानी दल के सदस्यों के साथ ही ग्रामवासियों द्वारा आमजन को जागरूक किया जावे ताकि समय पर टीका लगाया जा सके। इसके लिए टीका है मजबूत कवच, जरूर करवाएं कोरोना वैक्सीनेशन।
लाॅकडाउन की पालना खातिर नो माॅस्क -नो मुवमेंट का मूल मंत्र
अभियान मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी के तहत जन अनुशासन की भावना से लाॅकडाउन की पालना करवायेंगे। लोगों को अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलने का संकल्प दिलवायेंगे। बिना मास्क कोई मूवमेन्ट नहीं करने देंगे। ग्रामीणों को नो मास्क-नो मुवमेंट का मूल मंत्र दिया जाएगा। गाँव में आवश्यक सेवाओं की पूर्ति के अलावा किसी प्रकार का आवागमन नहीं हो इस हेतु ग्रामवासी अपने स्तर पर निगरानी दल बनाकर स्वैच्छिक सेवाऐं देंगे।
कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहे: प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित राजीव गाँधी सेवा केन्द्र में गैंहुं का आटा/चावल/ दाल/तेल एवं आवश्यक मसालों की व्यवस्था रखी जावे एवं जनप्रतिनिधियो,ं दानदाताओं एवं आमजन से जन सहयोग लिया जावे।
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अभियान में सामुदायिक सहयोग से ये भी होंगे काम
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जवाहर चैधरी ने बताया कि अभियान मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी के तहत अपने गाँव में हर घर का सर्वे पूरी गम्भीरता से हो इस हेतु आम जन राजकीय सर्वे टीमों का सहयोग करेंगे। लक्षणग्रस्त व्यक्तियों के लिए मेडिसिन किट तैयार करवाने एवं वितरण करवाने में जन सहयोग करेंगे। गम्भीर लक्षणों वाले मरीजों को चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध करवाने हेतु यथासम्भव मदद करेंगे। डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के फोलो अप पर विशेष ध्यान। कोरोना की दूसरी लहर में गर्भवती महिलाओं की संक्रमण दर के सम्बन्ध में ग्राम स्तरीय निगरानी दल, जन प्रतिनिधिगण, वार्ड पंच को जागरूक करने की आवश्यकता है। सर्वे के दौरान लक्षणग्रस्त मरीजों को आवश्यक मेडिशिन किट उपलब्ध कराया जावे, गर्भवती महिलाओं को आवश्यक परामर्श दिया जावे, आई.एल.आई. लक्षण वाली गर्भवती महिलाओं का आॅक्सीजन सैचुरेशन नापा जाएगा। कोरोना के अधिक संक्रमण के दौर में बुखार के मरीज को भी आईसोलेट किया जाएगा जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सके। डोर-टू-डोर सर्वे टीम द्वारा जिन घरों में बुखार से पीड़ित मरीज चिन्हित किये गये हैं, उनसे हर अल्टरनेट डे टेलिफोन पर उनकी स्थिति के बारे में पता करें एवं जिन मरीजों को तुरन्त रैफर करना है, उनके बारे में कन्ट्रोल रूम में जानकारी दे। ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर मरीज बुखार को टाईफाईड बुखार मानते हैं लेकिन वर्तमान में बुखार के मरीज को ब्व्टप्क्.19 का सम्भावित मरीज माना जावे। ब्व्टप्क्.19 पाॅजिटिव मरीज के साथ सर्दी, खांसी जुकाम के मरीज एवं उनके परिवार के अन्य सदस्यों के आईसोलेशन सम्बन्धी निर्देशों का पूर्णतया पालन कराई जाएंगी। गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 संक्रमण, प्स्प्ध्ै।त्प् के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त इसकी समस्त सूचना सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी एवं ब्लाॅक चिकित्सा अधिकारी को आवश्यक रूप से सूचित करेंगे। प्स्प् लक्षण वाली गर्भवती महिलाओं का डाटा सामान्य लक्षण, मध्यम लक्षण एवं गम्भीर लक्षण में श्रेणीबद्ध किया जाएगा।
बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए ये होंगे सेवा कार्य
अभियान के तहत गाँव में बाहरी व्यक्तियों के आगमन की सूचना ग्राम पंचायत नियन्त्रण कक्ष/ग्राम पंचायत कोर कमेटी को देंगे। उनको क्वारेंन्टीन करवाने की व्यवस्था में सहयोग देंगे। यथासम्भव गाँव में प्रवेश-निकास के मार्गों पर नाके इत्यादि लगाकर दिन-रात निगरानी करवायेंगे। गाँव में संस्थागत क्वारेन्टीन सेन्टर्स के व्यवस्थित संचालन में सहयोग करेंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कोविड-19 से सम्बन्धित एक रजिस्टर संधारण। बाहर से आने वाले प्रवासियों को राज्य सरकार के निर्देशानुसार क्वारंटाईन किया जाएगा, होम क्वारंनटीन को प्राथमिकता दी जानी है लेकिन किसी व्यक्ति के घर में पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं हो एवं संक्रमण का खतरा हो तो उनको ग्राम/ग्राम पंचायत स्तर पर संस्थागत क्वारंटाईन (प्देजपजनजपवदंस फनंतंदजपदम) किया जाएगा।
प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर अधिकतम पांच संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे
ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थित राजकीय विद्यालयों, सार्वजनिक भवनों को संस्थागत क्वारंटाईन सेन्टर के रूप में स्थापित किए जाएंगें जिसमें बिस्तर, बिजली, पानी, पेयजल, पंखा, शौचालय, सैनेटाईजर, मास्क, हाईपोक्लोराइट का छिड़काव इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। यथासम्भव क्वारंटाईन किये गए व्यक्तियों के घर से कोविड-19 प्रोटोकाॅल की पालना करते हुए भोजन दिया जाना है। यदि उनके घर से भोजन की व्यवस्था सम्भव नहीं हो तो ग्राम पंचायत स्तर एवं दानदाताओं से व्यवस्था की जाएगी। इसी प्रकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में आवश्यकतानुसार 2 से लेकर 5 तक संस्थागत क्वारंटाईन सेन्टर स्थापित किये जावे और जिसमें प्रत्येक सेन्टर में 5 से 20 तक बिस्तर एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों।