दाल के स्टाॅक का किया जायेगा सत्यापन’ ’प्राप्त स्टाॅक की सूचना देनी होगी, किया जायेगा औचक निरीक्षण

विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि जिले में दाल के व्यापारियों, डीलरों के पास उपलब्ध स्टाॅक की घोषणा एवं कीमत वृद्धि के संबंध में आवश्यक पर्यवेक्षण किया जाएगा। इस आशय को लेकर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग राजस्थान की ओर से जिले के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार दाल की कीमतों में हो रही वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान व्यापारिक वस्तु आदेश 1980 की अनुसूची द्वितीय में साबुत या दली हुई दालें यथा उड़द, मूंग, अरहर, मसूर, मोठ, लोबिआ, राजमा, चना, मटर और अन्य दालों को सम्मिलित किये जाने की अधिसूचना जारी की जा रही है। दाल के समस्त व्यवहारियों, मिलों, व्यापारियों, आयातकों और भण्डारग्रहों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गये है। प्रत्येक व्यवहारी के द्वारा अनुज्ञापन अधिकारी से प्रमाणितशुदा स्टाॅक रजिस्टर प्रतिदिन निर्धारित प्रपत्र में संधारित करना होगा।
प्रत्येक व्यवहारी उसके गोदाम का पता एवं विवरण अपने स्टाॅक रजिस्टर में स्वयं के स्तर से दर्ज करेगा और दर्ज स्थान के अतिरिक्त अन्य स्थान पर स्टाॅक का भण्डारण नहीं किया जायेगा। प्रत्येक माह में साप्ताहिक विवरणी निर्धारित प्रपत्रा में संबंधित अनुज्ञापन अधिकारी डीएसओ, एसडीएम, तहसीलदार को सप्ताह समाप्ति के तीन दिवस में प्रस्तुत करनी होगी। जिला रसद अधिकारी जिले के व्यवहारियों के द्वारा प्रेषित साप्ताहिक विवरणी की समेकित सूचना प्रत्येक गुरूवार को मुख्यालय भेजेंगे। वर्तमान माह में व्यापारी के पास उपलब्ध दाल के स्टाॅक की घोषणा निर्धारित प्रपत्रों में 21 मई तक करनी होगी। सभी प्रकार की दालों को मिलाकर पांच क्विंटल की मात्रा तक स्टाॅक रखने वाले खुदरा विक्रेताओं को निर्देशों से मुक्त रखा गया है।
जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि जिला रसद अधिकारी स्टाॅक की समेकित सूचना और व्यवहारियों यथा मिलों, व्यापारियों, आयातकों, बड़े खुदरा विक्रेताओं और भण्डारग्रहों की संख्या को निर्धारित प्रपत्र में 24 मई तक मुख्यालय को सूचना भेजेंगे। जिले में दालों की खुदरा एवं थोक दरों का पर्यवेक्षण करते हुए साप्ताहिक सूचना राज्य स्तर पर प्रत्येक सोमवार को प्रेषित करनी होगी। व्यापारियों का स्टाॅक सत्यापन के लिये प्रर्वतक स्टाॅफ से औचक निरीक्षण करवाया जाये। स्टाॅक रजिस्टर में दर्ज दाल की मात्रा और भौतिक रूप से उपलब्ध मात्रा में अन्तर पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में कार्यवाही की जाये।

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