अभियान “लाडेसर“ के तहत बांटे गए पोषण किट व मेडिसिन किट

स्वस्थ परिवार की पहचान ‘स्वस्थ बच्चा व स्वस्थ मां‘

विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में आईसीडीएस, चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग के समन्वित कार्यक्रम अभियान लाडेसर के तहत जिले में सर्वे के माध्यम से कुपोषित बच्चों की पहचान की जा रही है। जिन्हें विभागीय पोषाहार के अतिरिक्त भामाशाह द्वारा तैयार लाडेसर पोषण किट वितरित किए जा रहे है। इसमें मूंग, मोठ और अरहर की दाल व भुने हुए चने, गुड़, मूंगफली व सोयाबीन का तेल शामिल है तथा एनीमियाग्रस्त किशोरी बालिकाओं को चिन्हित कर सूची बनाई जा रही है।
इसी क्रम में शनिवार को निकटवर्ती भदाणा ग्राम पंचायत भवन में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में कुपोषित बच्चों को पोषण किट तथा एनीमियाग्रस्त किशोरी बालिकाओं को मेडिसिन किट प्रदान किए गए। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी के सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय मंत्री नृत्यगोपाल मित्तल, सीडीपीओ दुर्गासिंह उदावत व उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीशराम चैधरी व जिला सूचना व जनसंपर्क अधिकारी हेमन्त छीपा मौजूद थे।

सूक्ष्म पोषक तत्व व दवा देकर किया जा रहा उपचार

इस अवसर पर सीईओ चैधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध संघर्ष में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीके लगाए जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यापक प्रबंध कर महामारी का मुकाबला किया जा रहा है। इसकी तीसरी संभावित लहर जनता की लापरवाही के कारण खतरा उत्पन्न कर सकती है, विशेष रूप से जिनके टीके नहीं लगे हैं। ऐसे में कुपोषित बच्चें जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हैं, उनमें कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका अधिक है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अभियान लाडेसर के माध्यम से 5 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से पोषण किट व 15 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा विभाग द्वारा व इससे अधिक आयु के बच्चों को चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से सूक्ष्म पोषक तत्वों व दवा देकर उपचार दिया जा रहा है। ताकि आयरन टेबलेट के माध्यम से उनमें रक्त की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चे व मां का कमजोर न होना ही स्वस्थ परिवार की पहचान है। यह मेडिसिन किट केवल कुपोषित बच्चों के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने सभीे किशोरी बालिकाओं को आयरन टेबलेट नियमित रूप से लेने की अपेक्षा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी अभियान संचालित किया जा रहा है जिसकी सफलता में सभी ग्रामीणों का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने एमयूएससी टैप द्वारा बच्चों के पोषण स्तर को मापने की भी जानकारी दी।

इस अवसर पर भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय मंत्री नृत्यगोपाल मित्तल ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में सबके सहयोग से कोरोना हारेगा, ऐसा दृढ़ आत्मविश्वास बना रहे। इसलिए सभी लोगों को नियमानुसार निर्धारित पद्धति से अधिकतम टीकाकरण करवाना चाहिए। नागौर में जिला कलक्टर द्वारा जिस प्रकार से नवाचार किया गया व जिला टीम द्वारा इसे सक्रियता से संचालित किया जा रहा है वह सराहनीय प्रयास है। जिला प्रशासन द्वारा अभियान उजास आदि के माध्यम से जो शिक्षा संस्थानों में बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाएं गए है तथा ऑपरेशन प्राणवायु के द्वारा मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई है, जो संपूर्ण राज्यभर के लिए प्रेरक है। साथ ही स्थानीय स्तर पर ही चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता तथा कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने का जो अभियान लाडेसर चलाया जा रहा है उससे यदि बच्चों में कोई रोग आ जाए तो रोग प्रतिरोधक क्षमता से उसे दूर किया जा सकता है। इस अभियान में सभी, सहयोग व समन्वित भाव से लगें रहेंगे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी।

कुपोषण व एनीमिया की बताई पहचान
इस अवसर पर डॉ शीशराम ने कहा कि कमजोर शरीर में ही सभी रोग प्रवेश करते हैं और बुरा असर डालते हैं। इसलिए पहले से ही पोषण लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों के नाखून को थोड़ा सा दबाने पर अगर वह लाल न होकर सफेद दिखते हैं तथा जीभ लाल के स्थान पर सफेद ही रहती है तथा आंख का सफेद भाग लालिमा वाला नजर नहीं आता है तो ऐसे बच्चों में रक्ताल्पता मानना चाहिए। ऐसे बच्चों व किशोरी बालिकाओं की स्वास्थ्य केंद्र में जाकर एएनएम के माध्यम से हीमोग्लोबिन की जांच करवानी चाहिए। ऐसे अतिकुपोषित बच्चों को संबंधित चिकित्सा संस्थान के पोषण केंद्र में रेफर करना भी अपेक्षित है।
इस अवसर पर सीडीपीओ दुर्गासिंह उदावत ने लाडेसर पोषण किट के बारे में बताया और सभी अभिभावकों से आग्रह किया कि इस किट का प्रयोग केवल कुपोषित बालकों के लिए ही किया जाए। इससे पूर्व बालकिशन भाटी ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि रखते हुए पोषण किट में उपलब्ध खाद्य सामग्री के बारे में भी जानकारी दी। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर दीपिका सोनी ने भारत विकास परिषद व भामाशाहों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में परिषद संरक्षक रामनिवास जांगिड़, रामकिशोर सारड़ा, हेमंत जोशी, शाखा अध्यक्ष कैलाश सारडा, सचिव रवि सोनी, रामानुज मालाणी व विकास सोनी, सरपंच चंद्रा, एएनएम गुरजीत कौर तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर एनीमियाग्रस्त किशोरी बालिकाओं को संबंधित विभाग की ओर से आयरन टैबलेट भी प्रदान की गई।