पोस्ट कोविड इफेक्ट व कोरोना संक्रमण के भविष्य की तैयारी जरूरीः- हरीश चौधरी

प्रदेश के राजस्व मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री हरीश चौधरी ने ली जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। प्रदेश के राजस्व मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री हरीश चौधरी रविवार को एक दिवसीय दौरे पर नागौर पहुंचे। एक दिवसीय प्रवास में जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में प्रभारी मंत्री चौधरी ने विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ की बैठक कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री हरीश चौधरी को कहा कि पोस्ट कोविड इफैक्ट तथा कोरोना से लडने की भविष्य की तैयारी आवश्यक है। इस दृष्टि से गांव के जागरूक नागरिकों व श्रेष्ठ लोगों के माध्यम से कार्य का विकेंद्रीकरण करें। इससे स्थानीय स्तर पर ही उपचार की व्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। चौधरी ने कहा कि राज्य, जिले के बाद ब्लॉक, ब्लॉक के बाद पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में बीएलओ का सिस्टम आज सबसे अच्छा है। शिक्षा विभाग में जहां स्कूलों की रेगुलर रिपोर्टिंग होती है, उसी माध्यम से बीएलओ से नीचे 3-4 स्वयंसेवक के स्वभाव से काम करने वाले सहयोगी ग्रामीण व नागरिकों को लेकर उनके अधीन घरों की संख्या नियत कर जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस कार्य में पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी से सहयोग लेकर के राज्य स्तर पर प्राप्त सूचना और उसकी क्रियान्विति स्थानीय स्तर पर शीघ्रता से संभव हो सकती है।
नागौर के कोविड हैल्थ मैनेजमेंट व अभियान ‘‘लाडेसर‘‘ की तारीफ
प्रदेश के राजस्व मंत्री व जिला प्रभारी हरीश चौधरी ने नागौर में कोविड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम के तहत राजकीय चिकित्सा संस्थाओं में कोविड मरीजों को दी गई उपचार की सुविधाओं और कुपोषित बच्चों व एनीमिक बालिकाओं के स्वास्थ्य कल्याण को लेकर शुरू किए गए अभियान ‘‘लाडेसर‘‘ की सराहना की। उन्होंने नागौर जिले में कोविड-19 विरुद्ध लड़ाई में जिला वार रूम के स्थापना को सराहनीय कदम बताते हुए इसे स्टेट लेवल पर भी क्रियान्वित करने की बात कही। प्रभारी मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के निमित्त कुछ व्यवस्थाएं स्थाई कर लेनी चाहिए, ताकि नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की सूचना के आधार पर अतिशीघ्र व प्रमाणित रुप से कार्य किया जा सके। इससे वास्तविक स्थिति से पॉजिटिव रिकवर मरीजों तथा संदिग्ध मरीज नागरिकों दोनों पर ही ठीक से ध्यान रखा जा सकता है।
गांवों में बी.पी. व शुगर रोग के प्रति जागरूकता लाएं
जिला प्रभारी मंत्री हरीश चौधरी ने बैठक में निर्देश दिए कि जिले में चल रहे घर-घर हैल्थ सर्वे के दौरान बीपी व शुगर रोग के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता लाएं तथा ऐसे मरीजों को चिह्नित करते हुए उनका डाटाबेस तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक गांव का मॉडल दूसरे गांव में लागू नहीं किया जा सकता है, इसलिए स्थानीय परिस्थिति के अनुसार कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है। सभी विभागों को विशेष रूप से चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को इस प्रकार की कार्य योजना पर आगे बढना होगा, कि हम कोविड-19 के पीछे नहीं रहे। साथ ही टीकाकरण पर जोर भी लगातार दें। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जन सामान्य के बीच में कार्य प्रमाणिकता से करेंगे तो भामाशाह व संगठन मदद अवश्य करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक प्राथमिकता ऑक्सीजन पर जोर देने की रही। इस संबंध में सभी स्तरों पर अच्छा काम हुआ है।

जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया

जिला प्रभारी मंत्री हरीश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नागौर के जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में जिला स्तर पर हुए विभिन्न कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से प्राप्त प्रोनिंग विधि को कोरोना मरीजों के बेड के पीछे ही सचित्र विधि के द्वारा लगा दिया गया तथा चिकित्सकों को भी वीसी के माध्यम से इसकी जानकारी दी गई। डॉ. सोनी ने बताया कि कोरोना के उपचार के निमित्त पंडित जवाहरलाल नेहरू राजकीय अस्पताल के अलावा पुराना अस्पताल व अन्य स्थान पर चिकित्सा व्यवस्था सुलभ होने पर जिला मुख्यालय के अस्पताल पर दबाव कम पड़ा। इसी प्रकार से अन्य चिकित्सालयों में भी स्थानीय स्तर पर व्यवस्था का विकेंद्रीकरण करने से सकारात्मक प्रभाव पड़ा। इससे मरीजों में भी राजकीय अस्पतालों में चिकित्सा करवाने की दृष्टि से मनोवैज्ञानिक रूप से भी सकारात्मक प्रभाव रहा। जिला कलक्टर ने बताया कि कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में जिन विभिन्न क्षेत्रों या विभागों का सीधा सम्पर्क रहा है, ऐसे कार्मिकों को 22 कैटेगरी में विभक्त करके उनका टीकाकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कोरोना से लड़ाई के निमित्त अग्रिम रूप से ही अभियान लाडेसर के माध्यम से किए जा रहे हैं, जिसमें कुपोषित बालकों को चिह्नित करके उनका डाटाबेस तैयार किया जा रहा हैं। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक श्वेता धनखड़, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी, उपखंड अधिकारी अमित कुमार चैधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया, एसीएमएचओ डॉ. शीशराम चौधरी, पीएमओ डॉ. शंकरलाल रीको के क्षेत्रीय महाप्रबंधक विपोन मेहता मौजूद रहे।