जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी का अभिनव अभियान ‘‘लाडेसर‘‘
आठ दिन, 2 लाख 26 हजार 85 बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग, 2986 बच्चे कुपोषित व 101 अतिकुपोषित श्रेणी में चिन्हित
विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। कोरोना के संक्रमण की तीसरी लहर की आंशका को देखते हुए बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए नागौर जिले में एक अभिनव अभियान चलाया जा रहा है। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा शुरू किए गए इस नव अभियान ‘‘लाडेसर‘‘ के 03 जून, गुरूवार को आठ दिन पूरे हो गए।
अभियान लाडेसर के तहत जिले की समस्त गांवों तथा नगर निकायों के वार्डों में हैल्थ टीमों द्वारा कुपोषित बच्चों के साथ-साथ रक्त अल्पतावाली बालिकाओं का चिन्हीकरण किया जा रहा है। अभियान की माॅनिटरिंग व रिपोर्टिंग को लेकर नियुक्त जिला नोडल अधिकारी दुर्गासिंह उदावत ने बताया कि सात दिन की अवधि के दौरान जिले में कुल 2 लाख 26 हजार 85 बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग की गई, जिसमें से 2986 बच्चे कुपोषित श्रेणी में चिन्हित किए गए। वहीं 101 बच्चों को अतिकुपोषित श्रेणी में शामिल किया गया है। इस श्रेणी में चिन्हित किए गए बच्चों को निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान में स्थित एमटीसी वार्ड में उपचार के लिए रैफर किया गया। वहीं गुरूवार, 3 जून के एक दिन की आंकड़ों पर जाएं तो नोडल अधिकारी उदावत के अनुसार जिले में कुल 33 हजार 976 बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग की गई, इनमें से 407 बच्चे कुपोषित व 18 बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में चिन्हित किए गए। अभियान लाडेसर के तहत कुपोषित श्रेणी में चिन्हित किए गए बच्चों को लाडेसर पोषक किट वितरित किए जा रहे हैं, जिसमें स्थानीय स्तर पर भामाशाहों व समाजसेवी भी सहयोग कर रहे हैं। इसी प्रकार अभियान के तहत पूर्व में चिन्हित की गई एनीमिक किशोरी बालिकाओं को मेडिसिन किट भी वितरित किए जा रहे हैं।
जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के नवाचार अभियान ‘‘लाडेसर‘‘ को सफलता के पायदान तक पहुंचाने का काम चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग की टीम कर रही हैं। इन तीनों विभाग की संयुक्त हैल्थ टीम बच्चों में कुपोषण तथा किशोरी बालिकाओं में रक्त अल्पता की जांच कर रही है। जिला स्तर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक सिकरामाराम तथा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सम्पतराम इसकी माॅनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं ब्लाॅक स्तर पर एनीमिक किशोरी बालिकाओं को मेडिसिन किट तथा कुपोषित बच्चों को ‘‘लाडेसर पोषक किट‘‘ वितरण का काम भी स्थानीय उपखण्ड अधिकारियों, विकास अधिकारियों, बीसीएमओ तथा सीडीपीओ व सीबीईओ के द्वारा उनके क्षेत्र में विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों पर किया जा रहा है।