वीणा की तरह वाणी में भी संतुलन जरूरी : साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जयगच्छीय साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने जयमल जैन पौषधशाला में गुरुवार को प्रवचन में कहा कि वर्तमान युग में झूठ और लूट का प्रचलन कुछ ज्यादा ही बढ़ता जा रहा है। व्यक्ति झूठ बोलकर दूसरों की अमानत लूटने का प्रयास करता है। लेकिन ऐसा करना न्याय एवं नीति के विरुद्ध है। दूसरों का हक छीनना अन्याय नहीं अत्याचार भी है। विश्वासघाती को महापापी की श्रेणी दी जाती है। जिस झूठ के साथ हिंसा जुड़ी होती है, ऐसा झूठ श्रावक को कभी नहीं बोलना चाहिए। झूठ बोलने वाले का कोई भी विश्वास नहीं करता। विश्वास की डोर पर टिके हुए रिश्ते झूठ बोलने के कारण टूट जाते हैं। आहार की तरह बात को भी पचाना जरूरी है। आजकल मर्मकारी बातें आग की तरह फैलती है। एकांत में बातचीत कर रहे दो व्यक्तियों की बात सुनकर, असद कल्पना से मनगढ़ंत अर्थ निकालते हुए झूठा आरोप लगा दिया जाता है। जिससे सामने वाले को बहुत कष्ट पहुंचता है। पशु इसलिए कष्ट पाता है क्योंकि वह बोल नहीं सकता। वहीं, मनुष्य कष्ट पाता है क्योंकि वह बोलते समय विवेक नहीं रखता। गरम पानी हाथ जलाने का काम करता है। तो गर्म वाणी ह्रदय जलाता है। अत: सामने वालों को पीड़ा पहुंचे ऐसे कटु वचनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वीणा की तरह वाणी में भी संतुलन होना जरूरी है। संचालन संजय पींचा ने किया।

धार्मिक अन्ताक्षरी के विजेता पुरस्कृत

प्रवचन की प्रभावना कनकमल खजांची परिवार द्वारा वितरित की गयीं। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को सूरजदेवी, मदनलाल सुराणा परिवार की ओर से पुरस्कार प्रदान किये गए।प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विनीता पींचा, रेखा लोढ़ा, हरकचंद ललवानी एवं परम ललवानी ने दिए। आचार्य शुभचंद्र महाराज के 83वें जन्मदिवस पर बुधवार को आयोजित हुई धार्मिक अंताक्षरी के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। आगंतुकों के भोजन का लाभ प्रकाशचंद, प्रदीप बोहरा परिवार ने लिया। इस मौके पर ज्ञानचंद माली, चंपालाल जांगिड़, कमलचंद ललवानी, जतन बाघमार आदि मौजूद रहें।