समय बेकार करने वाला स्वयं हो जाता है बर्बाद : साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा

शनिवार से प्रारंभ होंगे 8 दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में जयमल जैन पौषधशाला में साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने शुक्रवार को प्रवचन में कहा कि प्रमाद जीवन का सबसे बड़ा शत्रु है। प्रमादवश व्यक्ति अपने अमूल्य समय को बर्बाद कर देता है। जो समय को बर्बाद करता है, वह स्वयं बर्बाद हो जाता है। समय उस बहते पानी की तरह है, जो एक पल भी नहीं रुक सकता। समय बड़ा बलवान है। जिसके आगे किसी का जोर नहीं चलता। समय ही मनुष्य की गति व प्रगति का केंद्र बिंदु है। समय की कीमत जाने वाला महान व्यक्ति ही होता है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक सभी प्रकृति जन्य कार्य भी समयानुसार ही होते हैं। समय पर किए गए कार्य ही सिद्ध होते हैं। असमय हंसना और बोलना मूर्खता का लक्षण है। असमय भूख लगना और भोजन करना बीमारी का चिन्ह है। जबकि असमय नींद लेना आलस्य और दरिद्रता की निशानी है। खाने-पीने, उठने, सोने, पढ़ने एवं गमनागमन आदि सभी क्रियाएं समय पर करने से शरीर में तंंदुरुस्ती एवं प्रसन्नता रहती है। समय को पहचानने वाला विद्यार्थी विद्वान एवं व्यापारी धनवान बन जाता है। व्यक्ति को अपनी प्राथमिकताएं सुनिश्चित करते हुए ही कार्य करना चाहिए। व्यक्ति का समय से आगे चलना उसके शुभ भविष्य का संकेत है। संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन और जय-जाप की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी कांतिलाल छल्लानी, असावरी हाल-मुकाम चेन्नई निवासी रहें। प्रवचन प्रश्नों के उत्तर अनुराग बेताला, पूनमचंद बैद, मंजूदेवी ललवानी एवं विनीता पींचा ने दिए। आगंतुकों के भोजन का लाभ नरपतचंद चौरड़िया परिवार ने लिया। इस मौके पर चंद्रकला भूरट, वीणा बोहरा, शारदा ललवानी, गुणवंती जैन आदि मौजूद थे। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि जयमल जैन पौषधशाला में शनिवार से 8 दिवसीय पर्युषण पर्व की आराधना प्रारंभ होगी। साध्वी वृंद के सानिध्य में प्रतिदिन प्रातः 6.25 बजे से प्रार्थना, 9 से 10.30 बजे तक अंतगड़ सूत्र वाचन एवं प्रवचन, दोपहर 2 से 3 बजे तक कल्प सूत्र वाचन और सूर्यास्त बाद प्रतिक्रमण होगा। आठ दिन निरंतर प्रातः 6 से शाम 6 बजे तक नवकार महामंत्र का जाप भी पौषधशाला में होगा।