विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। प्रदेश में उद्यमों की सरल स्थापना एवं राज्य के सभी वर्गाें के व्यक्तियों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने हेतु बैंकों के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध कराये जाने के उद्येश्य से यह योजना प्रारम्भ की गई है। योजना का प्रमुख उद्येश्य स्वयं के उद्यम (विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार) की स्थापना अथवा स्थापित उद्यम के विस्तार, विविधीकरण या आधुनिकीकरण हेतु कम लागत पर ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार के नवीन अवसरों का सृृजन करना है।
विनिर्माण व सेवा क्षैत्र में नवीन उद्योग स्थापित करने हेतु अधिकतम 10 करोड़ व व्यापार क्षैत्र में उद्योग स्थापित करने हेतु अधिकतम 1 करोड़ रू तक का ऋण स्वीकृत किया जाता है ।
ब्याज अनुदानः-
क्र.सं. अधिकतम ऋण राशि ब्याज अनुदान
1. 25 लाख रू. तक 8 प्रतिशत
2. 25 लाख रू. से 05 करोड़ रू. तक 6 प्रतिशत
3. 05 करोड़ से 10 करोड़ रू. तक 5 प्रतिशत
दिनांक 27.08.2021 द्वारा जारी संशोधित अधिसूचना द्वारा निम्न संशोधन किये गये- वित्तिय संस्थानों में अरबन को-ऑपरेटिव बैंक जोड़ा गया।
विनिर्माण व सेवा क्षैत्र में विस्तार एंव विविधिकरण हेतु अधिकतम 1 करोड़ रू तक का ऋण स्वीकृत किया जाता है।
कार्यशील पूंजी की अधिकतम मात्रा उद्योग व सेवा उपक्रमों में कुल राशि का 40 प्रतिशत तथा व्यापार में 75 प्रतिशत
बुनकर कार्ड धारक बुनकरों के एक लाख रूपये तक के ऋण तथा हस्तशिल्पी/दस्तकार/शिल्पी कार्ड धारको के 3 लाख रू तक के ऋण पर ब्याज का शत-प्रतिशत पुनर्भरण अनुदान के रूप में किया जाएगा।
वित्तिय संस्थान द्वारा उनकी अपनी योजनाओं में 10 लाख रू तक का ऋण वितरित पात्र उपक्रम योजना के अन्तर्गत लाभ हेतु पात्र होगा। ऐसे प्रकरणों में वित्तिय संस्थान द्वारा ऋण वितरण की प्रथम तिथि से अधिकतम 90 दिवस की अवधि में जिला उद्योग केन्द्र को अनुमोदन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा।
योजना की अपात्र गतिविधियों में खनन, रियल एस्टेट सम्बन्धी गतिविवियां, शैक्षणिक संस्थान एंव कोचिंग संबधी गतिविधिया एंव अलाभकारी संस्थाओं यथा एनजीओ, ट्रस्ट द्वारा संचालित गतिविधियों को जोड़ा गया।
उक्त योजना का आवेदन पत्र ऑनलाईन वैब साईट के माध्यम से किया जाता है। अधिक जानकारी हेतु कार्यालय के दुरभाष नम्बर 01582-240871 एंव ई-मेल dicnagaur@rajasthang.gov.in पर सम्पर्क किया जा सकता है।