विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। ग्रामीण अंचलों में जलदाय विभाग द्वारा जीएलआर या टंकी तक पानी पहुंचाया जाता है इसके बाद ग्रामीण महिलाओं और बहनों द्वारा मटके में घड़े भर कर पीने का पानी ले जाए जाता है लेकिन अब वह सरकारी योजना के तहत हर घर तक नल द्वारा पानी सुलभ पहुंचेगा। यह बात जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री जगदीश चंद्र व्यास ने जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान कहीं। जल जीवन मिशन के सदस्य सचिव एवं अधीक्षण अभियंता व्यास ने बताया कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य उन ग्रामीण इलाकों में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना है ,जिनमें बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है और ग्रामीण महिलाओं को दूर-दराज से पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है। लोगों की ऐसी परेशानियों को देखकर सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की है इसके तहत जिन इलाकों में पानी नहीं है व हर घर में पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। इसे सरकार ने हर बार हर घर नल जल योजना का नाम दिया है। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना में नियम है कि जिस जगह पर जितनी राशि की पेयजल योजना स्वीकृत हुई है, उसकी 5 प्रतिशत राशि उस योजना के संचालन के लिए ग्रामीणों के सहयोग से बनाई गई। समिति को जमा करवाना होगा आपसी समन्वय के साथ राशि एकत्र कर बैंकों में जमा भी करवाई जा रही है।
बैठक के दौरान यूनिसेफ के विशेषज्ञ परसून ने जिला कार्य योजना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देकर कार्यान्वयन सहायता एजेंसी के प्रतिनिधियों को निर्देशित भी किया। बैठक के दौरान जिला आईईसी सलाहकार मोहम्मद शरीफ छींपा , एमआईएस सलाहकार रामदेव बेरा, कार्यान्वयन सहायता एजेंसी के प्रतिनिधि , श्रीराम प्रजापत और अशोक बोड़ा आदि उपस्थित थे।