किसान उठाएं कृषि अवसंरचना कोष का लाभ
नागौर, 27 सितम्बर। देश में खेती से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट वगैरह के अभाव को देखते हुए एग्रीक्ल्चर इंफा्रस्ट्रक्चर फंड की शुरूआत की गई है। वर्ष 2020 में शुरू किए गए इस फंड के तहत किसान भाईयों के लिए एक लाख करोड़ रुपए तक के ऋण की व्यवस्था की गयी है. इस योजना के तहत अलग-अलग प्रोजेक्ट के हिसाब से मध्यम-अवधि यानी मीडियम और लंबी-अवधि यानी लॉन्ग टर्म की फाइनेंस सुविधा यानी कि कर्ज मुहैया कराया जाएगा। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक मोहित चौधरी ने बताया कि इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसाना भाईयों को प्रतिवर्ष 3 फीसदी ब्याज में छूट तथा तथा दो करोड़ रुपये तक कर्ज के लिए सीजीटीएमएसई स्कीम के तहत लोन गारंटी कवरेज़ भी मिलेगीं
किस प्रोजेक्ट के लिए मिल सकता है फंड
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक ने बताया कि ये फंड कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, कलेक्शन सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट, परख केंद्र, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट, ई-प्लेटफॉर्म जैसी इकाइयों के निर्माण के लिए प्राप्त किया जा सकता है। इस योजना का मूल उद्देश्य यह है किसानों के लिए खेती से जुड़े ढांचे का विकास करना। विशेष बात यह है कि फसल के उत्पादन के बाद यदि बेहतर ढांचागत सुविधा हो तो किसानों को उपज का मूल्य भी ज्यादा मिलेगा और इससे अनाज की बर्बादी में भी कमी आएगी।
चौधरी ने बताया कि यह एक टॉपअप योजना है और केंद्र तथा राज्य सरकार के अन्य योजनाओ के साथ कन्वर्जेन्स कर के इसका और अधिक लाभ उठाया जा सकता है। जिसमे राज्य सरकार की एग्रो प्रोसेसिंग एग्रो बिज़नेस एग्रो एक्सपोर्ट प्रोत्साहन पालिसी 2019 मुख्य है।
एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत नाबार्ड द्वारा कोआपरेटिव बैंक के माध्यम से गांवों में पैक्स को श्माल मार्केटिंग हब के रूप में मजबूत करने और उनके बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बहुत कम ब्याज दरों पर ऋण सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि नागौर जिले में इस योजना के तहत अब तक 10 वेयर हाउस एवं एक प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 10.17 करोड़ रूपए का ऋण स्वीकृत किया जा चुका है। जानिए कैसे मिलेगा ये फंड
प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन और कृषि उद्यमी समेत बैंक और वित्तीय संस्थाओं, प्राथमिक कृषि कर्ज सोसाइटियों, किसानों, मार्केटिंग सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों , स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त जवाबदेही समूह , बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि से जुड़े और केन्द्री य/राज्यत एजेंसियों या सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजना प्रायोजित स्था नीय निकायों को एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत वित्तपोषण मुहैया कराया जाएगा. इस फंड की मॉनिटरिंग एक ऑनलाइन मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम के जरिए की जाएगी. इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए ही फंड के लिए आवेदन किया जा सकेगा साथ ही एमआईएस के ज़रिए ही राष्ट्रीय, राज्य और जिले के स्तर पर दिए गए फंड की मॉनिटरिंग होगी ताकि किसी भी फ्रॉड से बचा जा सके और सुपात्र किसान ही इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने बताया कि योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान भाई नाबार्ड की एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड से संपर्क कर सकते हैं।