विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया, उसी तत्परता के साथ डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव एवं उपचार सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग एवं स्थानीय निकाय पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता एवं जागरूकता बढ़ाकर मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण करें। किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हो।
श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौसमी बीमारियों एवं कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के चिकित्सा प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती पैदा की और तीसरी लहर की आशंका अभी बनी हुई है। ऎसे में कोई मौसमी बीमारी महामारी का रूप ना ले, उसके लिए जन सहयोग के साथ पूरी तैयारी की जाए। जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार एवं बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉडल सीएचसी के कार्य को तेजी से बढ़या जा रहा है। आगे हमारा प्रयास रहेगा कि आमजन को गांव-ढाणी में बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मॉडल पीएचसी बनाई जाए। साथ ही, प्रसव सुविधाओं को भी और आधुनिक तरीके से मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि शिशु एवं मातृ मृत्युदर को नगण्य स्तर पर लाया जा सके।
श्री गहलोत ने कहा कि आमजन डेंगू को गंभीरता से लें तथा तुरंत प्रभाव से चिकित्सकीय परामर्श लें। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग डेंगू के दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को जागरूक करे। प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान के दौरान भी आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करें। उन्होंने स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने व जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 3 नवम्बर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है। मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए रैपिड रेस्पांस टीम का गठन किया गया है। साथ ही सभी जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। मौसमी बीमारियों को लेकर जिला स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।
शासन सचिव चिकित्सा श्री वैभव गालरिया ने मौसमी बीमारियों और कोविड टीकाकरण की स्थिति तथा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि डेंगू से ठीक होेने के बाद भी गॉल ब्लेडर में सूजन, पेट तथा लंग्स में पानी भरना, हार्टबीट कम होना, निम्न रक्तचाप तथा अवसाद जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।
बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा श्री अखिल अरोरा, स्थानीय निकाय विभाग सचिव श्री भवानी सिंह देथा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वही नागौर जिला मुख्यालय से इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मेहराम महिया, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुस्ताक अहमद, एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव सोनी, पीएमओ डॉ महेश पंवार, एपिडेमोलॉजिस्ट साकिर खान, जिला आईईसी समन्वयक हेमंत उज्जवल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए.
नागौर में कोविड वैक्सीनेशन महाअभियान 23 अक्टूबर को
नागौर जिले में एक बार फिर से कोविड वैक्सीनेशन महा अभियान आयोजित किया जाएगा. मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद राजीव गांधी भारत निर्माण आईटी सेंटर में ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
जिला कलेक्टर डॉ सोनी ने कॉविड वैक्सीनेशन महा अभियान आगामी 23 अक्टूबर शनिवार को आयोजित करने निर्देश दिए है. उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वैक्सीनेशन महाअभियान को लेकर माइक्रो प्लान जल्द तैयार कर लिए जाएं. बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के संबंध में निर्देश दिए कि डेंगू, मलेरिया चिकनगुनिया व स्क्रबटायफस की रिपोर्ट पर हर दिन समीक्षा की जाए. इसकी रोकथाम को लेकर जिले भर में चल रहे सभी तरह के प्रयासों में और तेजी लाई जाए.