उद्यमियों ने खींचा नागौर के नए औद्योगिक विकास का खाका राज्य की उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत व राजस्थान फाउण्डेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव का ऑनलाइन संबोधन

इनवेस्टर नागौर समिट-2021 कमिटेड एंड डिलिवर’’ थीम के साथ संपन्न हुआ जिला स्तरीय इन्वेस्टमेंट समिट विभिन्न तरह के उद्योग धंधों के 437 एम ओ यू व एल ओ आई , 18,000 लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर

विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। सोलर एनर्जी, सीमेन्ट, लाइम स्टोन, रियल एस्टेट, हाउसिंग, हैण्ड टूल्स, एग्रो प्रोसेसिंग, बॉयोफ्यूल, ज्वैलरी, प्रिटिंग, वुडन कलस्टर, कोल्ड स्टोरेज व नमक उद्योग से जुड़े नए उद्योग धंधों को लेकर नागौर की धरा पर बुधवार की सुबह राज्य भर से आए उद्यमियों ने विचार मंथन किया और इसे लेकर एमओयु और एलओआई पर हस्ताक्षर किए।
नागौर के औद्योगिक विकास का नया खाका खींचने और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर यहां के रीको औद्योगिक क्षेत्रों की दशा-दिशा बदलने के लिए भी नागौर सहित बाहर से बड़ी संख्या में आए उद्यमियों ने नए व्यवसाय करने की हामी भरी। इनवेस्ट नागौर-2021 में नागौर के औद्योगिक विकास का नया ताना-बाना बुना गया। बुधवार का दिन नागौर के औद्योगिक विकास की नई कहानी लिखने की दृष्टि से मंगलमय रहा। इनवेस्ट नागौर में करोड़ों रूपए की लागत से औद्योगिक निवेश के एमओयु और एलओआई किए गए और इस योजना को मूर्तरूप दिए जाने पर आगामी दिनों में यहां के हजारों युवाओं को रोजगार के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
इनवेस्ट नागौर समिट-2021 में राज्य की उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत ने वीसी के माध्यम से समिट में आए उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का विजन राजस्थान के प्रत्येक क्षेत्र में विकास करना एवं नये आयाम स्थापित करना है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा अनुरूप राजस्थान देश का प्रथम राज्य बना जहां उद्योगों को बढावा देने, निवेश का बेहतर वातावरण बनाने व रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन्वेस्टर समिट कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है एवं राज्य सरकार द्वारा उद्यमियों के लिये संचालित महत्वाकांक्षी योजनायें मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 एवं एमएसएमई एक्ट-2019 के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।
राजस्थान फाउण्डेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने इनवेस्ट नागौर-2021 में आए उद्यमियों को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में नागौर के जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा इनवेस्ट नागौर-2021 की सफलतम तैयारी की सराहना की और नागौर में औद्योगिक निवेश करने वाले उद्यमियों को शुभकामनाएं भी दी। श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के प्रति संकल्पबद्ध हैं और टीम इंडस्ट्री राजस्थान इस दिशा में काम भी कर रही है, इनवेस्ट राजस्थान समिट और इसके तहत जिला स्तर पर आयोजित किए जा रहे समिट, इसी का उदाहरण है। इससे पूर्व अतिरिक्त जिला कलक्टर मोहनलाल खटनावलिया ने कहा कि जिला प्रशासन, नागौर औद्योगिक निवेश के लिए एमओयु और एलओआई करने वाले सभी उद्यमियों का स्वागत करते हुए उनके हर सकारात्मक कदम में साथ है और हम सब मिलकर नागौर को औद्योगिक दृष्टि से सिरमौर जिला बनाने का प्रयास करेंगे।
नागौर अब वो नागौर नहीं रहा, अब विकास ही विकास
पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान अशरफी लाम्बा ने कहा कि नागौर अब वो नागौर नहीं रहा। इंदिरा गांधी नहर का मीठा पानी, निर्बाध बिजली, उच्च गुणवत्ता के हाइवे व स्टेट हाइवे की सड़के, तेज रफ्तार वाली रेलगाड़ियां व पूरे देश को जोड़ने वाले रेलमार्गों पर मालवाहक गाड़ियों का परिवहन और यहां अकूत खनिज सम्पदा तथा उनके दोहन की उच्चतम तकनीक, अब सब कुछ है यहां, जो नए औद्योगिक विकास का ताना-बाना बुनने के लिए चाहिए।
जिला प्रमुख भागीरथराम चौधरी ने कहा कि इनवेस्ट नागौर समिट में जो भी उद्यमी देश व प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए हैं, उन्हें नागौर के औद्योगिक विकास में योगदान के लिए साधुवाद।
उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक एस.एस. शाह ने समिट में स्लाइड प्रजेंटेशन के जरिए राजस्थान के औद्योगिक विकास, यहां हो रहे औद्योगिक निवेश और उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिए संचालित की जा रही योजनाओं और यहां पर हो रहे औद्योगिक विकास तथा यहां विकसित की गई ढांचागत सुविधाओें का विवरण प्रस्तुत किया।
रीको की भूमि अवाप्ति अधिकारी एकता काबरा ने कहा कि राजस्थान को औद्योगिक विकास की दृष्टि से देश में उच्च स्थान पर ले जाने की राज्य के मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप उपखण्ड स्तर पर भी रीको औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हीरालाल मीणा व अतिरिक्त जिला कलक्टर डीडवाना रिछपालसिंह बुरड़क की साक्षी में आयोजित हुए इस इनवेस्ट नागौर समिट में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक बजरंग सांगवा ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की रूपेरखा प्रस्तुत की। रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके गुप्ता ने नागौर जिले में विकसित किए गए रीको औद्योगिक क्षेत्रों और वहां भूखण्ड आबंटन तथा विकसित की गई आवश्यक सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर नागौर में औद्योगिक निवेश करने वाले उद्यमियों को हैण्डटूल्स के किट देकर सम्मानित किया और उन्हें एमओयु और एलओआई की प्रतिलिपि फाइल भी अतिथियों द्वारा भेंट की गई। कार्यक्रम का संयोजन मो. शरीफ छींपा ने किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय मशाला बोर्ड के सदस्य भोजराज सारस्वत व न्यू रीको आईआईडी विकास समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हीरालाल भाटी सहित नागौर जिले की विभिन्न व्यापारिक एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

डोक्युमेंट्री देखी, उद्यमियों ने बताएं अनुभव और योजनाएं

इनवेस्ट नागौर समिट-2021 के दौरान उद्योग विभाग की ओर से राज्य एवं जिला स्तर की अलग-अलग डोक्युमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस डोक्युमेंट्री फिल्म के जरिए राज्य सरकार की उद्योग नीति और औद्योगिक विकास को लेकर दिए जा रहे प्रोत्साहन के बारे में जानने के साथ-साथ नागौर सहित जिले के बाहर से आए उद्यमियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। समिट के दौरान जेके लक्ष्मी सीमेंट के राकेश गुप्ता ने सीमेन्ट उद्योग तथा एमसीएल क्लीम लिमिटेड के कमलेश सैन ने बॉयो फ्यूल क्षेत्र में किए गए औद्योगिक निवेश और इससे बढ़ते हुए रोजगार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। वहीं निमोद की ग्राम सहकारी सेवा समिति के सुबोध आर्य ने नागौर में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े उद्योगों में मिली सफलता पर प्रकाश डाला। हैण्डटूल एसोसिएशन के प्रतिनिधि सराफत अली ने भी नागौर में औजार उद्योग क्षेत्र के इतिहास और इसके विकास से जुड़ी संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

437 निवेशकों द्वारा 2346 करोड़ के निवेष का किया समझौता

जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक बजरंग सांगवा व आरएम रीको आरके गुप्ता ने बताया कि समिट के दौरान राज्य सरकार की उद्योगों से जुड़ी जानकारी एवं सरकार द्वारा किये जा रहे सहयोग से उद्यमियों ने उत्साह दिखाया एवं कार्यक्रम के दौरान ही 2346 करोड़ रू. से ज्यादा के एमओयू हस्ताक्षर किए। जिले में लगभग 437 औद्योगिक इकाईयों एवं निवेशकों द्वारा सोलर, रियल एस्टेट, मिनरल, केमिकल, एग्रो प्रोसेसिंग, बायोफ्यूल, होटल, चर्म, लवण, जैम्स एवं ज्वलैरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में 2346 करोड़ से भी ज्यादा के निवेश करने का समझौता हुआ, जिससे करीब 18000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।