मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। विवाहों में होने वाले अपव्यय को कम करने के लिये सामूहिक विवाह के आयोजनों को प्रोत्साहित करने हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत महिला अधिकारिता निदेशालय द्वारा 13 जुलाई 2021 से लागू की गई है। इस योजना का एक उद्देश्य बाल विवाह को रोकना भी है।


महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह का तात्पर्य सक्षम अधिकारी अर्थात् जिला कलक्टर या सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी द्वारा जारी सामूहिक विवाहों की अनुमति उपरान्त एक ही स्थान पर एक ही समय में कम से कम 10 एवं अधिकतम 500 जोड़ो का विवाह आयोजन करने से है जिनमें विवाह के लिये लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होगी तथा वर या वधु में से कोई एक राजस्थान राज्य का मूल निवासी हो। उन्होंने बताया कि योजना में अनुदान हेतु वे ही विवाह मान्य होगें जिनका नियमानुसार विवाह पंजीयन करा लिया गया हो। ऐसे सामूहिक विवाह आयोजन में सम्मिलित वधुओं को निर्धारित प्रक्रिया उपरान्त कुल राशि 15 हजार रूपये का अनुदान उनके खातों में हस्तान्तिरित किया जाता है।


उपनिदेशक शर्मा ने बताया कि ऐसे सामूहिक विवाह आयोजन करवाने वाली संस्थाओं को निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करने पर विभाग द्वारा अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। यहां संस्था से अभिप्राय ऐसे सार्वजनिक एवं गैर-शासकीय संगठन से है जो राजस्थान संस्था अधिनियम 1958 अथवा सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1860 के अन्तर्गत अथवा आयकर अधिनियम 1961 में अथवा राजस्थान लोक न्यास अधिनियम 1959 के अन्तर्गत ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत हो तथा राजस्थान राज्य में कार्यरत हो। इस प्रकार निर्धारित प्रक्रिया उपरान्त सामूहिक विवाह आयोजनकर्ता संस्था को प्रति जोड़ा राशि 3 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है एवं एक वित्तीय वर्ष हेतु संस्था को अनुदान की अधिकतम सीमा राशि 15 लाख रूपये से अधिक देय नही होगा।


इस योजनान्तर्गत अनुमति एवं अनुदान की इच्छुक संस्था द्वारा ऐसे आयोजन के कम से कम 15 दिवस पूर्व ऑनलाइन आवेदन किया जाना अनिवार्य होगा। ऐसे ऑनलाइन आवेदनों में विवाह जोड़ो की पात्रता संबंधी आयु प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, पहचान हेतु प्रमाण पत्र, अनापत्ति प्रमाण पत्र, वधु के बैंक खाता पास बुक आदि ऑनलाइन अपलोड किये जाने अनिवार्य होंगे। ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त प्राधिकृत अधिकारी अर्थात् उपनिदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं या उपनिदेशक/सहायक निदेशक महिला अधिकारिता या बाल विकास परियोजना अधिकारी या संरक्षण अधिकारी, महिला अधिकारिता द्वारा आवेदनों की उपयुक्त जांच की जायेगी। इस योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु अन्य किसी विभाग की समान योजना में देय लाभ बाधक नहीं होगा।