ज्ञानवापी केश: सुनने योग्य है या नहीं? इस पर आज जिला जज की अदालत में बहस, फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी होगी मांगों पर सुनवाई

विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली। ज्ञानवापी केश: ज्ञानवापी में वुजूखाना है या शिवलिंग (Shivling) इस पर आज जिला जज की अदालत में बहस होनी है। दोपहर 2 बजे कोर्ट की कार्रवाई शुरू होगी और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से इस पूरे मामले को खारिज करने की दलीलें रखी जाएंगी। वहीं, वादी पक्ष भी ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग होने के सबूत पेश करेगा और इस पर मुकदमा चलाने की पैरवी करते दिखेगा।

बता दें, इससे पहले 26 मई को भी मुस्लिम पक्ष की तरफ से कई दलीलें दी गई थीं जिसमें केस को रफा दफा किए जाने की बात की गई थी। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिका खारिज करने की मांग की थी साथ ही दावा किया था कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग नहीं, वुजूखाने का फव्वारा है। इसके अलावा अदालत में इस दौरान ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट’ (Places of Worship Act) पर भी चर्चा हुई थी। वहीं आज तमाम दलीलों के बीच ज्ञानवापी केस के दोनों पक्षों को सर्वे से जुड़े वीडियो और तस्वीरें भी दी जाएंगी।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी सुनवाई

यही नहीं, ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौपने वाली याचिका पर भी आज वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में सुनवाई होगी। विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से ये याचिका दाखिल की गई है। वाराणसी की फास्ट ट्रैक महेंद्र पांडेय की अदालत में विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर जिरह होगी। इस याचिका में दावा किया गया है कि मन्दिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई है और मसाजिद कमेटी के अलावा यूपी सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है।

वाराणसी कोर्ट के बाहर आज शिवतांडव स्त्रोत का पाठ

विश्व वैदिक सनातन संघ की मांग है कि ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए और हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर सौंप दिया जाए। इतना ही नहीं, मस्जिद के गुंबद को हटाकर पूजा करने की इजाज़त भी मांगी गई है। इसके अलावा ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने आज वाराणसी कोर्ट के बाहर शिवतांडव स्त्रोत का पाठ करने का भी ऐलान किया है।

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