विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री (ईएफ और सीसी) भूपेंद्र सिंह यादव ने मंगलवार को भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश साल 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रदूषण से लड़ने में सार्वजनिक भागीदारी है महत्वपूर्ण
मुंबई में पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और मध्य प्रदेश के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) पर दो दिवसीय समीक्षा कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए भूपेंद्र सिंह यादव ने सभी अधिकारियों और हितधारकों को प्रदूषण के खिलाफ पूरे उत्साह के साथ काम करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ना सिर्फ नौकरी नहीं है, बल्कि मानवता की सेवा है। उन्होंने कहा कि महापौर, गैर सरकारी संगठनों, छात्रों और जनता को संवेदनशील बनाकर सभी के लिए स्वच्छ हवा प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक भागीदारी महत्वपूर्ण है।
पार्टिकुलेट मैटर में 20 से 30% की कमी करना है लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को देशभर में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक, समयबद्ध, राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में केंद्र द्वारा शुरू किया गया है। इसका लक्ष्य 2017 को आधार वर्ष रखते हुए 2024 तक पार्टिकुलेट मैटर में 20 से 30 प्रतिशत की कमी करना है। एनसीएपी के तहत साल 2014-2018 से वायु गुणवत्ता के आंकड़ों के आधार पर देशभर में 132 गैर-प्राप्ति शहरों (एनए शहरों) की पहचान की गई है। एनए शहरों की सूची सभी आकार और प्रकार के शहरों का एक विषम मिश्रण है। मुंबई महानगर क्षेत्र के अधिकांश प्रमुख शहर, पुणे, नागपुर, नासिक, औरंगाबाद, कोल्हापुर आदि खराब वायु गुणवत्ता के लिए एनए शहरों की सूची में शामिल हैं।
ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिए है तैयार भारत
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने कहा है कि भारत 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिए तैयार है। अक्टूबर महीने की शुरुआत में एमएनआरई ने फिक्की के साथ मिलकर दुबई एक्सपो 2020 में जलवायु एवं जैवविविधता सप्ताह में 6-8 अक्टूबर के बीच कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्धियों व महत्वाकांक्षाओं, उभरते क्षेत्रों और भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के अवसरों से संबंधित विषय शामिल थे।