PM मोदी ने इनफिनिटी फोरम का किया उद्घाटन, कहा- ‘तकनीक अपनाने में भारत किसी से पीछे नहीं’

विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली.पीएम मोदी ने फिनटेक पर शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इनफिनिटी फोरम का उद्घाटन किया। इनफिनिटी फोरम, फिन-टेक पर एक विचारशील नेतृत्वकारी मंच है। बताना चाहेंगे कि देश के अंदर सरकार ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने हेतु विभिन्न प्रयास किए हैं। आज की तारीख में देश में साढ़े सात लाख गांव ऐसे हैं जिनको लेकर सरकार इस बात पर फोकस कर रही है कि कैसे वहां पर डिजिटल या फिर ऑप्टिकल फाइबर हाई स्पीड कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाए।

वहीं सरकार दूसरी तरफ इस बात पर भी फोकस कर रही है कि हमारी जितनी भी ग्राम पंचायतें हैं जो लगभग ढाई लाख के करीब हैं, उनको कैसे ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट कर सकते हैं। इन इलाकों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत इसलिए है ताकि सरकार की योजनाएं और स्कीम आसानी से उन तक पहुंच सके। फिनटेक का इस्तेमाल करना अपने आप में दर्शाता है कि यह एक करप्शन फ्री टेक्नोलॉजी है।

फोरम का एजेंडा

बता दें, गिफ्ट सिटी और ब्लूमबर्ग के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। पहले संस्करण में इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन भागीदार देश रहे। इस दौरान 70 से भी ज्यादा देशों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। अब इनफिनिटी फोरम के माध्यम से नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। इस फोरम का एजेंडा सीमाओं के पार जाकर थीम पर केंद्रित रहा। फिनटेक उद्योग द्वारा समावेशी विकास और व्यापक मानवता की सेवा के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर चर्चा की गई।

फोरम का एजेंडा ‘बियॉन्ड’विषय पर केंद्रित रहा। इसमें विभिन्न उप-विषय शामिल हैं, जैसे ‘फिन-टेक बियॉन्ड बॉउंड्रीज,’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च सीमा तक), जिसके तहत सरकारें और व्यापार संस्थाएं वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करने के लिये भौगोलिक सरहदों के परे ध्यान दिया गया, ताकि वैश्विक समूह का विकास हो सके;‘फिन-टेक बियॉन्ड फाइनेन्स’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च वित्त तक), जिसके तहत स्पेस-टेक, ग्रीन-टेक तथा एग्री-टेक जैसे उभरते क्षेत्रों में एकरूपता लाई जा सके और सतत विकास हो सके, और‘फिन-टेक बियॉन्ड नेक्सट’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च अग्रिम तक), जिसके तहत इस बात पर ध्यान दिया गया कि कैसे क्वांटम कंप्यूटिंग, भावी फिनटेक उद्योग तथा नए अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी हो सकता है।

मुद्रा का इतिहास जबरदस्त विकास दिखाता है

इस संबंध में पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मुद्रा का इतिहास जबरदस्त विकास दिखाता है। जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ, वैसे-वैसे हमारे लेन-देन का रूप भी विकसित हुआ। वस्तु विनिमय प्रणाली से धातुओं तक, सिक्कों से लेकर नोटों तक, चेक से लेकर कार्ड तक, आज हम यहां पहुंचे हैं।

जब मोबाइल भुगतान ATM नकद निकासी से हुआ ज्यादा

पीएम मोदी ने कहा, पिछले साल भारत में, मोबाइल भुगतान ने पहली बार एटीएम नकद निकासी को पार कर लिया। पूरी तरह से डिजिटल बैंक, बिना किसी भौतिक शाखा कार्यालय के, पहले से ही एक वास्तविकता हैं और एक दशक से भी कम समय में आम हो सकते हैं।

परिवर्तनकारी पहलों ने फिनटेक समाधानों के नए द्वार खोले

उन्होंने जोर देते हुए कहा, भारत ने दुनिया के सामने यह साबित कर दिया है कि जब तकनीक अपनाने या अपने आसपास नवाचार करने की बात आती है तो वह किसी से पीछे नहीं है। डिजिटल इंडिया के तहत परिवर्तनकारी पहलों ने शासन में लागू होने वाले नवीन फिनटेक समाधानों के द्वार खोल दिए हैं।

फिनटेक पहलों को फिनटेक क्रांति में बदलने का आ गया समय

पीएम मोदी ने कहा, अब इन फिनटेक पहलों को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय आ गया है। एक क्रांति जो देश के हर एक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण को प्राप्त करने में मदद करती है। हम अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा करने और उनसे सीखने में भी विश्वास करते हैं। हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर समाधान दुनिया भर के नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

गिफ्ट सिटी ग्लोबल फिनटेक दुनिया का प्रवेश द्वार

पीएम मोदी ने कहा, गिफ्ट सिटी केवल एक आधार नहीं है, यह भारत का प्रतिनिधित्व करता है। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों, मांग, जनसांख्यिकी और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। यह विचारों, नवाचार और निवेश के लिए भारत के खुलेपन का प्रतिनिधित्व करता है। गिफ्ट सिटी ग्लोबल फिनटेक दुनिया का प्रवेश द्वार है।

आईएफएससीए के बारे में

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी) का मुख्यालय गिफ्ट-सिटी, गांधीनगर, गुजरात में स्थित है। इसकी स्थापना अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई थी। यह संस्था भारत में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के नियमन तथा विकास के लिये एक एकीकृत प्राधिकार के रूप में काम करती है। इस समय गिफ्ट-आईएफएससी भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है।