विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ अपने अगले वित्त वर्ष 2022-23 में आ सकता है. रूस यूक्रेन युद्ध के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट के चलते एलआईसी आईपीओ को मार्च में लाने के फैसले को टाला जा सकता है और इसे एक अप्रैल से शूरू होने जा रही नए वित्त वर्ष में लाया जा सकता है. हालांकि इस दौरान आईपीओ के लिए रोडशो जारी रहेगा.
बाजार में है अस्थिरता का माहौल
एलआईसी आईपीओ का साइज 66,000 करोड़ रुपये से बड़ा हो सकता है. एलआईसी ने सेबी के पास ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल कर दिया है और माना जा रहा है मार्च के पहले हफ्ते में ही एलआईसी को आईपीओ लाने की बाजार के रेग्युलेटर से मंजूरी भी मिल जाएगी. लेकिन इतने बड़े साइज के आईपीओ को पचा पाना इस उठापटक के दौर में बाजार के लिए आसान नहीं होगा. वो भी तब जब बाजार में बिकवाली का माहौल देखा जा रहा है. आईपीओ के सफलता के लिए बाजार में स्थिरता का होना बेहद जरुरी है. एलआईसी के आईपीओ की सफलता सरकार के एजेंडे में बहुत ऊपर है. क्योंकि इससे सरकार को बड़ी रकम मिलने वाली है.
शेयर बाजार में भूचाल
यूक्रेन पर रूस के हमले से दुनिया भर के फाइनैंशियल मार्केट में भूचाल आया है. शेयर बाजार हर दिन नीचे की तरफ गोता लगा लगा रहा है तो कमोडिटी के दाम आसमान छू रहे हैं. वैश्विक तनाव का असर लाइफ इंश्योरेंस कॉरेपोरेशन के आईपीओ पर भी पड़ सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संकेत दिए हैं कि तेजी से बदल रहे हालात को देखते हुए जरुरत महसूस हुई तो सरकार एलआईसी के आईपीओ की टाइमलाइन पर फिर से विचार कर सकती है.
सेंसेक्स 10 फीसदी तक गिरा
रूस-यूक्रेन तनाव के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी उठापटक देखी जा रही है. भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं है. विदेशी निवेशक से लेकर संस्थागत निवेशक बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं. जिससे बाजार के सेंटीमेंट पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है. जनवरी 2022 से लेकर अब तक सेंसेक्स में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.