दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टावर लगाने में चल रही धोखाधड़ी के बारे में जनता को आगाह किया

दूरसंचार विभाग/ट्राई मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए परिसर किराए पर नहीं लेता है; “अनापत्ति प्रमाण पत्र” भी जारी नहीं करता है: डीओटी

विनय एक्सप्रेस समाचार नई दिल्ली।  दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने आम लोगों को उन बेईमान कंपनियों/एजेंसियों/व्यक्तियों से सावधान रहने की सलाह दी है जो मोबाइल टावर की स्थापना के लिए भारी मासिक किराये के भुगतान का वादा करते हैं। दूरसंचार विभाग ने सूचित किया है कि न तो दूरसंचार विभाग और न ही ट्राई मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए परिसर को पट्टे पर लेने/किराए पर लेने में शामिल है। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई “अनापत्ति प्रमाण पत्र” भी जारी नहीं करते हैं।
डीओटी ने इस संबंध में एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है ताकि धोखाधड़ी से जुड़ी ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता इस तरह के प्रस्तावों का शिकार न हो।
कोई दूरसंचार सेवा प्रदाता मोबाइल टावर लगाने के लिए अग्रिम राशि नहीं मांगता
जनता को इस मामले में अतिरिक्त सावधानी बरतने और टावर की वास्तविक स्थापना से पहले अग्रिम या आवेदन शुल्क या पैसे की मांगने वाली कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति की साख सत्यापित करने के लिए आगाह किया जाता है। टावर की स्थापना के लिए किसी प्रस्ताव पर विचार करने से पहले, उन्हें दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से टीएसपी/आईपी-1 की प्रामाणिकता का सत्यापन करना चाहिए।
टीएसपी और आईपी-1 की अद्यतन सूची दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है
ऐसी धोखाधड़ी की रिपोर्ट कहां करें?
यदि किसी व्यक्ति की नजर में ऐसी कोई धोखाधड़ी गतिविधि आती है, तो वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों को इसके खिलाफ रिपोर्ट कर सकता है।
स्थानीय दूरसंचार विभाग की क्षेत्रीय इकाई, जिनसे संपर्क किया जा सकता है, नीचे दी गई है:
जेटीओ (अनुपालन) ओ/ओ, वरिष्ठ उप महानिदेशक, डीओटी मुंबई एलएसए, 5वीं मंजिल, तकनीकी विंग, साकी विहार, टेलीफोन एक्सचेंज भवन, साकी विहार रोड, अंधेरी (पूर्व), मुंबई – 400072
ईमेल: jtoc.mb-dgt-dot@gov.in; फोन: 022-28472605
डीओटी की वेबसाइट पर उपलब्ध डीओटी की स्थानीय क्षेत्रीय इकाई का संपर्क विवरण
https://dot.gov.in/relatedlinks/director-general-telecom
मोबाइल टावर लगाने के संबंध में चल रही धोखाधड़ी के संबंध में सार्वजनिक सूचना

दूरसंचार विभाग (डीओटी) के ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बेईमान कंपनियां/एजेंसियां/व्यक्ति मोबाइल टावर आदि लगाने के लिए मासिक किराया के रूप में मोटी रकम का भुगतान का वादा कर आम जनता को धोखा दे रहे हैं। ऐसी कंपनियां मोबाइल टावर लगाने आदि के लिए पट्टे पर परिसर देने/किराए पर लेने के लिए जनता से अपने निजी खाता/कंपनी की खाते में विभिन्न नामों जैसे प्रतिभूति जमा/आवेदन शुल्क/पंजीकरण शुल्क/स्टाम्प शुल्क/दूरसंचार अधिनियम के तहत सरकारी कर/अग्रिम भुगतान की समाशोधन आदि पर पैसा जमा कराने को कहते हैं। पैसा जमा करा लेने के बाद ये कंपनियां/व्यक्ति/ एजेंसियां ​​गायब हो जाती हैं और पहुंच से बाहर चली जाती हैं। ये कंपनियां कभी-कभी डीओटी/ट्राई/अन्य सरकारी विभागों द्वारा कथित तौर पर जारी फर्जी कंपनियों के नाम पर टावर लगाने के लिए फर्जी “अनापत्ति प्रमाण पत्र” भी जारी करती हैं।
जनता को एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि:-
1. दूरसंचार विभाग/ट्राई मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परिसर को पट्टे पर /किराए पर लेने में शामिल नहीं है।
2. दूरसंचार विभाग/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई “अनापत्ति प्रमाण पत्र” जारी नहीं करते हैं।
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (टीएसपी) या इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर (आईपी-1) अपनी लाइसेंसिंग/पंजीकरण शर्तों के अनुसार मोबाइल टावर स्थापित कर सकते हैं। टीएसपी और आईपी-1 की अद्यतन सूची क्रमशः दूरसंचार विभाग की वेबसाइट यानी https://dot.gov.in/access-services/list-access-service-licences-issued और https://dot.gov.in/infrastructure पर उपलब्ध है। आम लोगों को आगाह किया जाता है कि टावर लगाने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने से पहले उन्हें दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से टीएसपी/आईपी-1 की प्रामाणिकता की जांच कर लेनी चाहिए।

speedo
1. यदि कोई कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति टावर की वास्तविक स्थापना से पहले अग्रिम या आवेदन शुल्क या किसी भी रूप में पैसे की मांग करता है, तो जनता को अतिरिक्त सावधानी बरतने और कंपनी की साख को सत्यापित करने के लिए सावधान किया जाता है। आम तौर पर, कोई टीएसपी या आईपी-I कंपनी टावर की स्थापना के लिए कोई अग्रिम पैसे नहीं मांगती है।


2. कोई भी व्यक्ति या संस्था धोखाधड़ी की ऐसी गतिविधि जैसे (i) मोबाइल टावरों की स्थापना के नाम पर अग्रिम लेना आदि (ii) डीओटी/ट्राई के नाम/लोगो/सिफारिशों या राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग करते हुए पाए जाने पर लागू कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को ऐसी धोखाधड़ी से जुड़ी को गतिविधि नजर आती है तो वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों को इस बारे में सूचना दे सकता है। इसके अलावा, डीओटी की स्थानीय क्षेत्रीय इकाई से भी संपर्क किया जा सकता है जिसका संपर्क विवरण डीओटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे  https://dot.gov.in/relatedlinks/director-general-telecom पर देखा जा सकता है। स्थानीय डीओटी क्षेत्रीय इकाई का संपर्क विवरण नीचे दिया गया है: –
जेटीओ (अनुपालन), ओ/ओ, वरिष्ठ उप महानिदेशक, डीओटी मुंबई एलएसए, 5वीं मंजिल, तकनीकी विंग, साकी विहार, टेलीफोन एक्सचेंज भवन, साकी विहार रोड, अंधेरी (पूर्व), मुंबई – 400072
ईमेल: jtoc.mb-dgt-dot@gov.in;
फोन: 022-28472605
1. किसी भी व्यक्ति को कोई भी नुकसान/क्षति एकमात्र  उस व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी और ऐसे व्यक्तियों द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस तरह की धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधियों का शिकार होने से हुई ऐसी हानि या क्षति के प्रति डीओटी की कोई जिम्मेदारी नहीं है।