नेशनल हेराल्ड मामले में  कांग्रेस ने बताया 90 करोड़ का हिसाब, कर्मचारियों को चुकाए 67 करोड़

विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सांसद राहुल गांधी को नोटिस भेजने पर कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। इसके साथ ही कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपए का हिसाब भी बताया है। 67 करोड़ रुपए का भुगतान कर्मचारियों को किया गया, जबकि शेष राषि किराया, भवन और बिजली पर खर्च की गई। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला व राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अंग्रेजों के सामने कांग्रेस झुकी नहीं, बल्कि उससे आजादी की लड़ाई लड़ी है। अब केन्द्र सरकार से कांग्रेस डरने वाली है। हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं, सीना ठोंक कर लड़ेंगे।

नेशनल हेराल्ड मामला : अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकार वार्ता में नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कुछ तथ्य रखे। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के तीन महत्वपूर्ण तथ्य है। उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत को लेकर खूब ऊलजलूल झूठ बोला गया व दुष्प्रचार किया गया। जब वहां भी कुछ नहीं हुआ, तो अब साढ़े सात साल के बाद मोदी जी की ईडी उस प्राईवेट कंप्लेंट के आधार पर केस दर्ज कर समन जारी किए हैं। मोदी सरकार जान ले कि इस प्रकार के फर्जी और मनगढ़ंत मामले दर्ज कर वो अपनी घिनौनी व कायराना साजिश में कामयाब नहीं हो सकते। कांग्रेस का नेतृत्व निर्भीक, निडर व अडिग है। हम ऐसे हथकंडों से डरने वाले नहीं, झुकने वाले नहीं, बल्कि सीना ठोंक कर जोर से लड़ेगे। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी पार्टी और हर कार्यकर्ता उनके साथ कंधे से कंधा लगाकर देश के प्रजातंत्र पर बोले जा रहे इस हमले की लड़ाई हम लड़ेगे भी और जीतेंगे भी।

1. साल 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी, एसोशिएटेड जर्ऩल्स लिमिटेड को कांग्रेस ने लगभग 10 साल के दौरान करीब 100 किश्तों में चेक से अपनी देनदारी के भुगतान के लिए 90 करोड़ रुपए दिए। इसमें से 67 करोड़ रुपए का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों के देय के भुगतान के लिए किया। जबकि बाकी पैसा बिजली भुगतान, किराया, भवन आदि पर खर्च किया गया। किसी राजनीतिक दल की ओर से दिया जाने वाला कर्ज न तो अपराध है और न ही गैरकानूनी है। इस बात की पुष्टि चुनाव आयोग ने भी अपने पत्र दिनांक 6 नवंबर, 2012 से की है।


2. नेशनल हेराल्ड अखबार आय के अभाव में यह कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था, इसलिए इसकी एवज़ में असोशिएटेड जर्ऩल्स लिमिटेड के शेयर यंग इंडिया को दे दिए गए, जो कि कानून में एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है। यानि कि यंग इंडिया की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवगंत मोती लाल वोहरा आदि हैं। किसी प्रकार का मुनाफ़ा, डिवीडेंड, तनख्वाह या कोई वित्तीय फ़ायदा नहीं ले सकते। यही नहीं, मैनेजिंग कमेटी यंग इंडिया के शेयर को भी नहीं बेच सकती।

इसका मतलब, यंग इंडिया से एक पैसे का न वित्तीय लाभ लिया जा सकता और न ही इसके शेयर को बेचा जा सकता। कारण साफ़ है हम नेशनल हेराल्ड, एसोशिएटेड जर्ऩल्स लिमिटेड और यंग इंडिया को केवल कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि देश की धरोहर मानते हैं।

3. साल 2013-14 में सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस पार्टी की ओर से नेशनल हेराल्ड को कर्ज देने को लेकर एक प्राईवेट कंप्लेंट अदालत में दायर की, जो आज भी विचाराधीन है।


मोदी सरकार की अंग्रेजों से तुलना
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत को जड़ उखाडऩे के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला, जिसके प्रणेता महात्मा गांधी, पंडित नेहरु, सरदार पटेल, परुषोत्तम दास टंडन, आचार्य नरेंद्र देव, रफ़ी अहमद किदवई व अन्य थे। अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया, जो साल 1945 तक जारी रहा। आज़ादी के आंदोलन की आवाज़ बने इस अखबार का मूल मंत्र था आज़ादी खतरे में है, अपनी पूरी ताकत से इसकी रक्षा करें। आज फिर उस अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन करने वाली विचारधारा आज़ादी के आंदोलन की आवाज़’ दबाने का षडयंत्र कर रही है। इस षडयंत्र के मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और इसे लागू करने के लिए उनका चहेता व पालतू हथियार ईडी है। उन्होंने कहा कि देश को गुमराह करने के लिए आए दिन मुद्दों को भटकाने की राजनीति की माहिर मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है। जिस मानसिकता ने अंग्रेजों का साथ दिया था, आज भी गुलामी की प्रतीक वो मानसिकता आज़ादी की कुर्बानियों से प्रतिशोध ले रही है। इस बार उन्होंने एक कायराना व डरपोक साजिश रची है। नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी को अपनी पालतू ईडी से नोटिस जारी करवाया है। साफ़ है कि तानाशाह डर गया है। शासन के सभी मोर्चों पर अपनी नाकामियों को छिपाने में बुरी तरह विफ़ल होने के कारण वह छटपटा रहा है। देश को गुमराह करने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ़ एक घिनौना व कायरतापूर्ण षडयंत्र रचा जा रहा है। वह जान लें कि स्वतंत्रता के आंदोलन की यह आवाज उनके चक्रव्यूह को भेद डालेगी।