साहित्यकार डॉ.कृष्णा आचार्य के खंड काव्य ‘पांचाली’ का लोकार्पण, महापौर ने किया विमोचन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।
ख्यातिनाम साहित्यकार लेखिका डॉ.कृष्णा आचार्य के नए खंड काव्य ‘पांचाली’ का आज लोकर्पण हुआ। नगर निगम परिसर में हुए कार्यक्रम में महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि द्रौपदी सरीखे महान चरित्र को काव्यात्मक रूप देकर डॉ.कृष्णा आचार्य ने हिन्दी साहित्य को नए कलेवर से भरा है। इस कृति को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि नारी शक्ति के रूप से द्रौपदी सदैव से ही भारतीय संस्कृति व जनमानस में अपना विशिष्ठ स्थान रखती है। यह कृति सभी पाठकों तक पहुंचें। इसके प्रयास किए जाए, ऐसी उम्मीद करती हूं।  उन्होंने खंड काव्य को लिखने के लिए डॉ.आचार्य की सराहना की। उपमहापौर राजेन्द्र पंवार ने कहा कि डॉ.आचार्य अनवरत रूप से राजस्थानी वं हिन्दी में लिखने वाली लेखिका है, उनके काव्य साहित्य जगत में नई ऊर्जा का संचार करते हैं। सभी उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। इस मौके पर डॉ.आचार्य ने बताया कि खंड काव्य की इस कृति में पांचाली के जीवन के पहलुओं को कविताओं के माध्यम से उजागर करने का प्रयास किया गया है। डॉ.कृष्णा आचार्य ने कार्यक्रम में अपनी कृति की कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियोंं की प्रस्तुति देकर दाद बटौरी। कार्यक्रम में कमलनारायण आचार्य, पार्षद प्रमोद व एडवोकेट कौशल शर्मा सहित साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।
गौरतबल है कि डॉ.कृष्णा आचार्य की अब १२ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। इसमें राजस्थानी, हिन्दी साहित्य की शामिल है जिसमें अलग-अलग विषयों पर कहानी, लेख, कविता संग्रह है