विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। भरतपुर जिले में लगातार शीतलहर व पाले का प्रकोप लगातार जारी है तथा मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर द्वारा भी यलो चेतावनी जारी की गयी हैं | ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा आमजन को इससे बचाव के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जिला कलक्टर आलोक रंजन ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार 14 से 17 जनवरी तक जिले में शीत लहर का प्रकोप रहेगा। कुछ स्थानों पर पाला भी पड़ सकता है। शीतलहर दलहनी फसलों और पशुओं को प्रभावित कर सकती हैं। ठंड के लम्बे संपर्क में रहने के कारण शीतदंश होने की संभावना रह सकती है। शीत लहर से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी दुष्परिणामों से बचाव के लिए आमजन एहतियात बरतें। ठंड से बचाव के लिए जरूरत हो तभी बाहर जायें, वृद्ध व बच्चों व गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखें, पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें, दस्ताने, जूते व मौजे का इस्तेमाल करें। लम्बे समय तक ठंड में रहने से बचें, सिर, गर्दन, हाथ-पैर की उंगलियों को ढक कर रखें ताकि शारीरिक ऊष्मा बनी रहे। घर में कमरे गर्म करने के लिए अंगीठी, हीटर आदि का उपयोग
सावधानी से करें। खाने का ध्यान रखें, पर्याप्त भोजन करके ही घर से बाहर निकलें, उच्च कैलोरी वाले भोज्य पदार्थ का सेवन करें, ठंडा खाना खाने व ठंडा पेय पदार्थ पीने से बचें, ठंड में बच्चों का विशेष ख्याल रखें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सक से सलाह लें। किसान रबी की फसलों को पाला से बचाने के लिए शाम के समय संभव हो तो हल्की सिचाई करें, पालतू जानवरों व पशुधन को ठंडे मौसम से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था रखें।तथा पशुओं को भी ढककर एवं गर्म स्थान पर रखे | उन्होंने नगर निकायों को निर्देश दिए है की रैन बसेरो एवं सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें |
संयुक्त निदेशक कृषि रमेश चंद्र महावर ने कहा कि किसान पाले से बचाव हेतु फसलों की सिंचाई करें जिससे भूमि व पौधों का तापमान 2 डिग्री सेंटीग्रेड तक बढ़ जाता है, रात 10 बजे के पश्चात खेत के उत्तर एवं पश्चिम दिशा की मेड़ों पर धुआ करें, साथ ही सल्फर डस्ट 8 से 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में भुरकाव करें एवं थायो युरिया 15 ग्राम प्रति टंकी(15 लीटर) अथवा 150 ग्राम 150 लीटर पानी के साथ प्रति हेक्टेयर की दर से खड़ी फसल पर छिड़काव करें। म्यूरेट ऑफ पोटाश 150 ग्राम प्रति टंकी ( 15 लीटर) या डेढ़ किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के छिड़काव करें।
उन्होंने कहा कि पाले से बचाव हेतु ग्लूकोज का उपयोग अत्यंत प्रभावी है, खड़ी फसल पर 25 ग्राम ग्लूकोज प्रति टंकी( 15 लीटर) की दर से छिड़काव करें। यदि फसल पाले की चपेट में आ गई हो तो तुरंत 25 से 30 ग्राम गुलकोज प्रति टंकी( 15 लीटर) की दर से प्रभावित फसल पर छिड़काव करें तथा एनपीके(18:18:18 अथवा19:19:19 अथवा20:20:20) का 100 ग्राम + 25 ग्राम एग्रोमीन प्रति टंकी ( 15 लीटर) की दर से प्रभावित फसल पर छिड़काव करके उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। स्थाई समाधान के लिए खेत के उत्तर पश्चिम दिशा में वायु रोधक वृक्षों की बाढ़ तैयार कर पाले के प्रभाव को कम किया जा सकता। तापमान में गिरावट से पशुओं को भी सर्दी से नुकसान पहुंच सकता है अतः पशुओं को छायादार जगह पर रात्रि के समय रखें, सुबह जल्दी बाहर नहीं निकाले एवं किसान भाई शीतलहर का ध्यान रखें ताकि कोई अप्रिय घटना ना घटे।