राजकीय किशोर एवं समप्रेषण गृह तथा राजकीय शिशु गृह में शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा विजिट नही किये जाने पर सचिव देवेन्द्र सिंह भाटी ने जताई नाराजगी

विनय एक्सप्रेस समाचार, पाली। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएें और उनके संरक्षण के लिये विधिक सेवाऐं) योजना 2015 के अन्तर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाली के लिये गठित सम्प्रेषण एवं किशोर गृह समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह भाटी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला न्यायाधीश), पाली एवं समिति सदस्य सुधीर काकाणी, अधिवक्ता द्वारा राजकीय सम्प्रेषण एवं किशोर गृह, पाली तथा राजकीय शिशु गृह, पाली का निरीक्षण किया गया।


निरीक्षण के दौरान सचिव भाटी द्वारा राजकीय सम्प्रेषण एवं किशोर गृह तथा शिशु गृह की साफ-सफाई, बालकों के लिये कपड़ें, बिस्तर, भोजन व आहार, चिकित्सा व्यवस्था पेयजल आदि व्यवस्थाओं बाबत् निरीक्षण किया। गृह में आवासित बालकों से वार्तालाप किया गया तथा गृह में मिलनें वाली सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली गई। दौराने निरीक्षण यह पाया गया कि राजकीय बांगड अस्पताल, पाली द्वारा राजकीय किशोर एवं सम्प्रेषण गृह तथा राजकीय शिशु गृह की विजिट हेतु नियुक्त किये गय शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा लम्बे समय से गृह की विजिट नही की जा रही है, जिसे सचिव भाटी द्वारा गंभीरता से लिया जाकर गृह प्रबन्धन एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बांगड़ अस्पताल, पाली को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बालकों द्वारा गृह में पर्याप्त पोषित आहार तथा नाश्ते में आवश्यकतानुसार चाय एवं दुध उपलब्ध करवाया जाना बताया।दौराने निरीक्षण श्री अजीतसिंह राठौड़, प्रिंसीपल मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड, पाली, श्री सुधीर काकाणी, अधिवक्ता, सीताराम शर्मा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, पाली आदि उपस्थित रहें।

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जैव विविधता दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
श्री देवेन्द्र सिंह भाटी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला न्यायाधीश), पाली द्वारा राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाईड, जिला मुख्यालय पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जैव विविधता के महत्व, क्षरण एवं संरक्षण के संबंध में जानकारी दी गई। सचिव भाटी ने शिविर में बताया कि पृथ्वी पर मौजूद विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों एवं जीवों की प्रजातियां जैव विविधता कहलाती है। विभिन्न प्रजातियों की उपस्थिति ही पृथ्वी पर प्राकृतिक संतुलन बनाये रखती हैं, वर्तमान में मानव अपने स्वार्थ एवं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु प्राकृतिक संसाधनां का दोहन कर जंगलों को नष्ट कर रहा है, जिससें विभिन्न प्रकार की वानस्पतिक एवं जीव-जन्तुओं की प्रजातियॉ लुप्त हो गई है। जैव विविधता आधुनिक समय में खतरें में है। अतः जैव विवधता के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु पर्यावरण को बचान नितान्त आवश्यक है। शिविर में जैव विविधता के संरक्षण के अलावा पीड़ित प्रतिकर स्कीम, निःशुल्क विधिक सहायता, राष्ट्रीय लोक अदालत की भी जानकारी दी गई।शिविर में गोविन्द मीणा, सी.ओ. स्काउट, पाली, डिम्पल दवे, सी.ओ. गाईड, पाली सहित कुल 60 प्रतिभागी उपस्थित रहे।