पीबीएम के ईएनटी विभाग की उपलब्धि : 13 वर्षीय मरीज के कान प्रत्यारोपण का हुआ सफल ऑपरेशन

बीकानेर संभाग में पहली सर्जरी

After Operation

अपूर्व वर्कशॉप के दौरान पिन्नाप्लास्टी सर्जरी का हुआ लाइव टेलीकास्ट

Before Operation

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। खबर हमारी विश्वास आपका। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में शनिवार को अजमेर के ईएनअी विशेषज्ञ डॉ. विजय गक्खड ने 13 वर्षीय बच्ची अनसूर्या के कान प्रत्यारोपण/पिन्नाप्लास्टी का ऑपरेशन हुआ। इस ऑपरेशन के दौरान ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता के सानिध्य में प्रोफेसर्स, सीनीयर जूनियर रेजिडेण्ट्स डॉक्टर्स के लिए अपूर्व वर्कशॉप का आयोजन किया गया, इसके तहत पिन्नाप्लास्टी/कान प्रत्यारोपण के ऑपरेशन का लाइव टेलिकास्ट किया गया, इस दौरान एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी उपस्थित रहे । डॉ. सोनी ने इस जटिल ऑपरेशन की सफलता पर ईएनटी विभाग की टीम को बधाई दी और कहा कि कॉलेज एवं चिकित्सालय प्रशासन की ओर से मरीजों के हित में संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी।

प्राचार्य सोनी ने जानकारी देते हुए कहा कि विकृत कान से जुड़ी ऐसी समस्याएं 10 हजार मरीजों में से 3 या 4 मरीजों को होती है पीबीएम में यह जटिल ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत एकदम निःशुल्क किया गया है।

अपूर्व वर्कशॉप के दौरान लाइव सर्जरी का डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. विवेक सामोर, हिसार के प्लास्टिक सर्जन डॉ. विशाल गोयल वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. जे पी गुप्ता, डॉ. दीपचंद ने बीकानेर के ईएनटी विभाग के डॉक्टर्स को शल्य दक्षता का प्रशिक्षण दिया।

इस वर्कशॉप में बीकानेर शहर के सभी ई एन टी विशेषज्ञ एवं पी जी स्टूडेंट्स ने भाग लिया। डॉ गीता सोलंकी, डॉ शाशवत दत्त मेहता, डॉ. अभिषेक व्यास, डॉ अशोक पुनिया , निश्चेतन विभाग से डॉ. विशाल देवरा एवं नर्सिंग कर्मी किरण ढिल्लों ने अपना सहयोग दिया।

उल्लेखनीय है कि बीकानेर संभाग में कान की बाहरी संरचना एवं बनावट से सम्बन्धित ये नवीन उपचार की यह तकनीक मूक बधिर मरीजों को नई आशा देगा।

जानिए क्या होती है पिन्नाप्लास्टी/कान प्रत्यारोपण सर्जरी

Dr. Gaurav gupta : HOD ENT Dept. PBM Hospital Bikaner

पीबीएम के ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता के अनुसार माइक्रोटिया एक जन्मजात विकृति है जहां बाहरी कान/पिन्ना अविकसित होता है। यह थोड़े छोटे कान से लेकर कान की पूर्ण अनुपस्थिति तक हो सकता है, जिसे एनोटिया कहा जाता है। इसके उपचार के तहत विकृत कान अथवा आनुवांसिक रूप से अविकसित कान को ठीक करने के लिए पसलियों की हड्डीयों को कान की संरचना में ढ़ाल कर उस शेप को चमडी मे रख कर दो चरणों में पुनः कान की तरह लगाया जाता है, आपको बता दें कि उत्तर भारत में मात्र दो या तीन स्थानों पर ही ऐसी सर्जरी होती है ऐसे में बीकानेर संभाग में ऐसा ऑपरेशन हो पाना ईएनटी विभाग के लिए उपलब्धि के समान है।