बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों को दिए निर्देश : बाल विवाह रोकथाम के लिए उठाये निरोधात्मक कदम

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिले में आगामी दिवसो में अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा व अन्य अवसरों पर अबूझ सावो में बाल विवाह किए जाने की सम्भावना रहती है। जिला मजिस्ट्रेट पीयूष समारिया ने जिले में बाल विवाह रोकथाम के सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देशित किया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने निर्देश दिए कि गांवों में कार्यरत शिक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, एएनएम, आंगनवाडी कार्यकर्ता आदि लोक सेवकों को गांव/कस्बे में विवाह होने की पूर्व जानकारी प्राप्त हो जाती है, इसलिए वे पूर्ण रूप से गांव में सतर्कता व निगरानी रखेंगे। इसी प्रकार पंचायत समिति व जिला परिषद की बैठकों में जनप्रतिनिधियों को बाल विवाह निषेद्य कानून 2006 के प्रावधानों व दुष्परिणामों के बारें में अवगत कराएं ताकि वे अपने क्षेत्र में बाल विवाहों के विरूद्ध वातावरण तैयार करें तथा बाल विवाह नहीं होने दे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेद्य अधिनियम का उल्लंघन किए जाने पर दोषी माता-पिता एवं अभिभावकों के साथ ही इनका सहयोग करने वालों के विरूद्ध इस अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। जिला मजिस्ट्रेट पीयूष समारिया ने बाल विवाह होने की जानकारी प्राप्त होने पर इसकी तुरन्त सूचना निकतम थानाधिकारी, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार को दिए जाने के लिए उनके अधीनस्थ कार्मिकों को निर्देश प्रदान किया जावे। इसके साथ ही बाल विवाह रोके जाने के लिए विशेष ग्राम सभा आयोजित करवाने एवं उसमें बाल विवाह के दुष्परिणामों व कानून के बारें में ग्रामीणजनों को जानकारी देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए है कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह होने के मद्देनजर विशेष सतर्कता व निगरानी व्यवस्था बनाएं रखने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरपंचों, ग्राम विकास अधिकारियों, विद्यालय संस्था प्रधानों को पाबंद किया जावे कि इन राजकीय संस्थानों में बारात को ठहरने की अनुमति नहीं देवे। इसके साथ ही बाल विवाह में सहयोग देने वाले पण्डित, टेंट हाउस, बैण्ड वालों को भी पाबंद करावें कि वे बाल विवाह में किसी प्रकार का सहयोग न दे अन्यथा उनके विरूद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। इसके साथ ही गांवों में प्रमुख व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी देवे।
जिला मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बाल विवाह रोके जाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम व सम्पन्न की गई कार्यवाही से कार्यालय जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट नागौर को अवगत कराएंगे।