विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। बिजली कंपनियों के कनिष्ठ अभियंताओं ने पिछले चार दिन से चल रहा कार्य बहिष्कार वापस लेने के बाद शुक्रवार से काम पर लौट आए है। इससे बिजली कंपनियों के अफसरों ने जहां राहत की सांस ली, वहीं लोगों को अब बिजली समस्याओं से अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा। राजधानी जयपुर में भी सभी कनिष्ठ अभियंता काम पर लौट आए है।
वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर बिजली कंपनियों (विद्युत वितरण, उत्पादन निगम और प्रसारण निगम) के कनिष्ठ अभियंता पिछले 4 दिन से महापड़ाव पर रहे। प्रदेश में बिजली तंत्र से जुड़ी समस्या बढ़ने लगी, वहीं अफसरों के भी हाथ-पांव फूलने लगे तो ऊर्जा विभाग ने बिजली कंपनियों में रेस्मा लागू करने के लिए गृहविभाग को पत्र लिखा। दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन आॅफ राजस्थान के प्रतिनिधि मण्डल को वार्ता के लिए बुलाया। विद्युत भवन में प्रतिनिधि मण्डल की मंत्री के साथ वार्ता हुई। मंत्री ने 3 माह के भीतर वेतन विसंगति दूर करने का आश्वासन दिया। कनिष्ठ अभियंताओं की सभी मांगों पर प्रशासन ने सकारात्मक सहमति जताई। साथ ही हर बिंदु पर फाइनेंस में उच्च स्तरीय पैरवी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद कनिष्ठ अभियंताओं ने कार्य बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया और काम पर लौटने की घोषणा की।
वर्ष 2015 की दिलाई याद.. ऊर्जा विभाग के संयुक्त सचिव अतुल प्रकाश ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को रेस्मा लागू करने के लिए पत्र लिखा था। इसमें वर्ष 2015 में भी रेस्मा लागू करने की याद दिलाई गई। इस दौरान बिजली क्षेत्र को ‘आवश्यक सेवाओं’ के रूप में मानते हुए रेस्मा लागू कर हड़ताल को प्रतिबंधित किया गया था।
एक दिन का कार्य बहिष्कार, बिना अनुमति बाहर.. ऊर्जा विभाग के अफसरों का कहना था कि कनिष्ठ अभियंताओं के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी। ऊर्जा मंत्री, ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव, डिस्कॉम एमडी के साथ बातचीत हुई, जिसमें उन्हें आश्वस्त किया गया कि वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। अभियंताओं ने एक दिन कार्य बहिष्कार की जानकारी दी थी, लेकिन बिना अनुमति लिए काम पर नहीं लौटे।