विनयएक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राजेश्वर सिंह की अध्यक्षता में आज संचालक मण्डल की बैठक हुई। बैठक में अनुबंधित बसों का अनुबंध बढ़ाने, समय पालक व्यवस्था को प्रभावी बनाने, नियुक्ति के समय मेडिकल करवाने, कर्मचारी स्थाई आदेश 1965 में संषोधन सहित महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
सिंह ने बताया कि संचालक मण्डल की बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण आमजन को सुगम परिवहन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रोड़वेज को वाहनों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये अनुबन्धित वाहनों के अनुबन्ध को सात माह बढाने का निर्णय लिया गया।
सिंह ने बताया कि मुख्य समय पालक एवं समय पालक के पद पर कार्यरत कर्मचारियों द्वारा आवंटित कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन उचित प्रकार से नही किये जाने के कारण इनके कार्य में पारदर्शिता लाकर समय पालक व्यवस्था को प्रभावी बनाने का निर्णय लिया गया।
सिंह ने यह भी बताया कि नियुक्ति के समय कर्मचारी द्वारा ड्यूटी ज्वाईन करते समय रोड़वेज द्वारा जयपुर स्थित अनुमोदित अस्पताल क्रमश: सवाईमानसिंह अस्पताल, हरबक्स कांवटियां अस्पताल एवं रूकमणी देवी बेनी प्रसाद जयपुरिया अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से परीक्षण करवाकर चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के सम्बन्ध में भी निर्णय लिया गया।
सिंह ने बताया कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन कर्मचारी व कार्यशIला कर्मचारी स्थाई आदेश-1965 में अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पुनरीक्षण का प्रावधान नहीं था। जिससे कर्मचारियों को पुनरीक्षण का लाभ नहीं मिल रहा था। इसको देखते हुये अब अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पुनरीक्षण का प्रावधान किया गया है।
सिंह ने बताया कि कर्मचारी स्थाई आदेश-1965 में कर्मचारी के निलम्बन के साथ ही दोषारोपण पत्र जारी करने का प्रावधान था, लेकिन इसकी पालना सुनिश्चित नही की जा रही थी। इसलिये निलम्बन आदेश के 15 दिवस में दोषारोपण पत्र जारी करने का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया है।
निगम संचालक मण्डल की बैठक में शIसन सचिव एवं परिवहन आयुक्त रवि जैन, विशिष्ट शIसन सचिव (वित्त) सुधीर कुमार शर्मा, मुख्य अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण संजीव माथुर एवं अवर सचिव, सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सुदीप दत्ता ने भाग लिया।