विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्ष 2030 तक हर क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाना है। इसके लिए राज्य सरकार प्रदेशवासियों के सर्वांगीण विकास की सोच के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रतिबद्धता से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि बजट से पूर्व सभी घोषणाओं का गहन अध्ययन कराकर ही जिम्मेदारी के साथ धरातल पर उतारा गया है। सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन से योजनाओं का अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा रहा है।
श्री गहलोत रविवार को राजस्थान महाविद्यालय परिसर में राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) और राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद (प्रधानाचार्य) रेसा-पी की ओर से सत्कार-2023 समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का मान-सम्मान बनाए रखना राज्य सरकार का दायित्व है। इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के विकास और शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई घोषणाएं की गई। इनमें उपप्राचार्य के पदों पर डीपीसी करवाने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, शिक्षक भर्ती, विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की संख्या और गुणवत्ता में वृद्धि प्रमुख है। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष की दूरगामी सोच से महात्मा गांधी अंग्रेेजी माध्यम विद्यालयों की शुरूआत की गई है।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य कार्मिकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं। इसलिए मानवीय दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस), मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए का प्रावधान सहित निःशुल्क दवा और जांच योजना से हर वर्ग सुरक्षित महसूस कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की दूरदृष्टि से ही आज देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत हैै। राज्य सरकार हर वर्ग के उत्थान में हरसंभव प्रयास कर रही है।
समारोह में शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर राजस्थान पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र सिंह राठौड़, रेसला के प्रदेशाध्यक्ष श्री गिरधारी गोदारा, रेसा-पी के प्रदेशाध्यक्ष श्री डायालाल पाटीदार सहित अन्य पदाधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे।