मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी : अब होगी प्रत्येक राजकीय भवन की जिओ टैगिंग विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं कार्यों का होेगा भू-चिन्हित सर्वेक्षण

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जीआईएस परियोजना के लिए 153.80 करोड़ रूपए स्वीकृत-क्षेत्रीय स्तर पर दी जाने वाली सेवा प्रदायगी के लिए होगा एकल समाधान-आपदा या महामारी के दौरान हो सकेगा संसाधनों का बेहतर प्रबंधन

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर सेवा प्रदायगी के लिए निरंतर कार्यरत है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न विभागों व उपक्रमों की परिसंपत्तियों, योजनाओं एवं कार्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के माध्यम से जिओ टैगिंग कर उन्हें मैप से जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इस हेतु प्रारंभ में 153.80 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। जीआईएस एक ऎसी प्रणाली है जिसे पृथ्वी की सतह पर भौगोलिक स्थितियों के संबंध में डाटा एकत्रित करने, संग्रहित करने, संशोधन करने तथा विश्लेषण करने के लिए बनाया गया है। साथ ही, इस प्रणाली से डाटा प्रबंधित करने तथा प्रस्तुत करने का कार्य भी किया जा सकता है।

          श्री गहलोत की इस स्वीकृति से अब राज्यव्यापी जीआईएस प्रणाली के माध्यम से सभी विभाग अपनी परिसंपत्तियों, सुविधाओं, योजनाओं व कार्यक्रमों का भू-स्थानिक डाटा जीआईएस आधारित प्लेटफॉर्म से जोड़ सकेंगे। इससे संसाधन संग्रहण एवं वितरण, विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के नीति नियोजन के संबंध में निर्णय लेने और उनके निरीक्षण में आसानी होगी।

          उक्त निर्णय से विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं कार्यों के भू-चिन्हित सर्वेक्षण से क्षेत्रीय स्तर पर सेवा प्रदायगी बेहतर हो सकेगी। आपदा या महामारी के दौरान संसाधनों का बेहतर प्रबंधन भी इस प्रणाली के माध्यम से हो सकेगा। साथ ही, राज्य के सभी राजकीय भवन एक ही मैप पर उपलब्ध होेंगे तथा आमजन के लिए इन भवनों तक पहुंचना आसान हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि जिओ-टैगिंग के अंतर्गत एक मोबाइल ऎप विकसित किया गया है। विभिन्न विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास विभाग, पीएचईडी, भू-जल विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आदि द्वारा ऎप का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।